Mar 20, 2023

Compound Interest formula in Hindi || चक्र वृद्धि ब्याज फार्मूला

ब्याज से सम्बंधित पाठ्यक्रम क्लास और प्रतियोगिता एग्जाम दोनों में ब्यापार कार्य के प्रश्नों को हल करने के लिए दिया जाता है। बैंक आदि मेें चक्रवृद्धि ब्याज फार्मूला का प्रयोग जादा किया जाता है साधारण ब्याज फार्मूला व्यक्तिगत स्तर पर जादा प्रयोग किया जाता है। चक्रवृद्धि ब्याज गणित में अधिक प्रयोग की जाने वाली चैप्टर मेअं से एक है। क्लास 5th से लेकर प्रतियोगिता एग्जाम की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स तक को यह बहुत इम्पोर्टेट है। चक्रवृद्धि ब्याज फार्मूला की तैयारी व्यक्तिगत जीवन और एग्जाम दोनों में आवश्यक है। SSC , बैंक, रेलवे, आदि परीक्षाओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण टॉपिक होता है इसलिए आज बता रहा हूँ कि Compound Interest formula in Hindi मेें किस तरह के और कितने फैक्टर होते हैं।
Compound Interest formula in Hindi


चक्रवृद्धि ब्याज | Compound Interest Formula:

इसे ब्याज पर ब्याज लगाना भी कहते हैं।  होता भी है क्योंकि इनमें  एक निश्चित समय पर संचित किए हुए ब्याज को मूलधन में मिला दिया जाता है तथा इस प्रकार बने पूरे मिश्रधन पर ब्याज की गणना की जाती है।

इस प्रकार  जब एक निश्चित समय अंतराल के बाद ब्याज को  मूलधन में जोड़ कर अगले समय अंतराल मेें इस मिश्रधन पर ब्याज लगाया जाता है, तो उसे चक्रवृद्धि ब्याज कहते हैं।

चक्रवृद्धि ब्याज का सूत्र

ब्याज से सम्बंधित प्रशों को हल करने के लिए निम्न फार्मूले का प्रयोग किया जाता है।

Compound Interest    CI  = A – P

यहाँ-

CI = चक्रवृद्धि ब्याज ( Compound Interest )

A = t समय बाद मिश्रधन (Amount)

P = मूलधन ( Principal)

t = कुल समय (Time)

r = ब्याज की वार्षिक दर ( Rate of Interest)

n = एक वर्ष में कुल ब्याज-चक्रों की संख्या


निर्देश
ऊक्त अंकित फार्मूला का प्रयोग मूलधन, समय, दर, आदि के उपस्थिति में किया जाता है.


चक्रवृद्धि ब्याज के निम्न शर्तें÷

तिमाही: ब्याज तिमाही संयोजित कर मूलधन में जोड़ा जाता है।

छमाही: ब्याज छमाही संयोजित कर मूलधन में जोड़ा जाता है।

वार्षिक: ब्याज वार्षिक संयोजित कर मूलधन में जोड़ा जाता है।


Compound Interest के महत्वपूर्ण फार्मूले÷


1. चक्रवृद्धि ब्याज = (1 + R / 100 ) T – मूलधन

2. चक्रवृद्धि ब्याज = मूलधन (1 + दर / 100)T – 1]

3. चक्रवृद्धि ब्याज = मिश्रधन – मूलधन

4. मूलधन = साधारण ब्याज × 100 / समय × ब्याज की दर

5. मिश्रधन = मूलधन + साधरण ब्याज

6. समय = साधरण ब्याज × 100 / मूलधन × ब्याज की दर

7. ब्याज की दर = साधरण ब्याज × 100 / मूलधन × समय


कुछ महत्वपूर्ण तथ्य-

1.कही से भी ऋण/उधार लिया गया धन मूलधन कहलाता है।

2. किसी व्यक्ति या बैंक से ऋण देने वाला त्रणदाता या साहूकार कहलाता हैं।

3. मूलधन और ब्याज के सम्मिलित रूप को मिश्रधन कहा जाता है.

4.जिस अवधि तक ऋण लिया जाता है, वह समय कहलाता है.

5. किसी धन पर जिस दर से ब्याज लिया जाता है, उसे ब्याज दर कहा जाता है।


आवश्यक सूचना-

1. जब ब्याज छमाही संयोजित होती है,
    तो    r = R / 2 , n = 2T

2. ब्याज जब तिमाही संयोजित होता है,
     तो    r = R / 4 , n = 4T


चक्रवृद्धि ब्याज सूत्र के विभिन्न रूप ÷

चक्रवृद्धि ब्याज = (1 + दर / 100 )^समय – मूलधन

मिश्रधन = मूलधन × (1 दर / 100)^समय

चक्रवृद्धि ब्याज = मिश्रधन – मूलधन

मिश्रधन = मूलधन + ब्याज

चक्रवृद्धि ब्याज = मूलधन [(1 + दर / 100)^समय – 1]

याद करने के उपाय÷

मूलधन P = (I ×  100) / R ×  T
ब्याज CI =P - A 
मिश्रधन A = P × (100 + R)
मिश्रधन A = P + I
समय T = (I × 100) / (P × R)
ब्याज की दर R = (I × 100) / (P × T)

यहाँ:

I = Interest (ब्याज)

P = Principal (मूलधन)

R = Rate of Interest ( ब्याज दर)

CI = चक्रवृद्धि ब्याज ( Compound Interest )

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निश्कर्ष:

गणित मेें साधारण और चक्रवृद्धि ब्याज दोनों परस्पर कार्य करते है। दोनों का अपना विशेष महत्व है। वास्तिविकता यह है कि जब कभी ब्याज को मूलधन में जोड़कर उसका भी ब्याज प्राप्त किया जाता है उसे Compound Interest formula in Hindi से हल किया जाता है। लेन-देन में चक्रवृद्धि ब्याज का सर्वाधिक प्रयोग किया जाता है। व्यक्तिगत कार्य को पूरा करने भी इसका उपयोग होता है।

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धन्यवाद।

FAQ

Qua. कंपाउंडिंग कैसे काम करती है?
Ans. चक्रवृद्धि ब्याज तब होता है जब आपके द्वारा बचत पर अर्जित ब्याज स्वयं पर ब्याज लगाना शुरू कर देता है। 

Qua. चक्रवृद्धि ब्याज का अर्थ क्या है?
Ans. जब समय-समय पर संचित हुए ब्याज को मूलधन में ऐड कर इस मिश्रधन पर ब्याज की गणना की जाती है तो इसे चक्रवृद्धि ब्याज (compound interest) कहते हैं

Qua. कंपाउंडिंग पावर क्या है?
Ans. कंपाउंडिंग की शक्ति आपके धन को तेजी से बढ़ाकर काम करती है। यह कमाए गए लाभ को वापस मूल राशि में जोड़ता है और फिर लाभ अर्जित करने की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए पूरी राशि का पुनर्निवेश करता है।


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