चक्रवृद्धि ब्याज | Compound Interest Formula:
चक्रवृद्धि ब्याज का सूत्र
Compound Interest के महत्वपूर्ण फार्मूले÷
1. चक्रवृद्धि ब्याज = (1 + R / 100 ) T – मूलधन
2. चक्रवृद्धि ब्याज = मूलधन (1 + दर / 100)T – 1]
3. चक्रवृद्धि ब्याज = मिश्रधन – मूलधन
4. मूलधन = साधारण ब्याज × 100 / समय × ब्याज की दर
5. मिश्रधन = मूलधन + साधरण ब्याज
6. समय = साधरण ब्याज × 100 / मूलधन × ब्याज की दर
7. ब्याज की दर = साधरण ब्याज × 100 / मूलधन × समय
कुछ महत्वपूर्ण तथ्य-
1.कही से भी ऋण/उधार लिया गया धन मूलधन कहलाता है।
2. किसी व्यक्ति या बैंक से ऋण देने वाला त्रणदाता या साहूकार कहलाता हैं।
3. मूलधन और ब्याज के सम्मिलित रूप को मिश्रधन कहा जाता है.
4.जिस अवधि तक ऋण लिया जाता है, वह समय कहलाता है.
5. किसी धन पर जिस दर से ब्याज लिया जाता है, उसे ब्याज दर कहा जाता है।
आवश्यक सूचना-
1. जब ब्याज छमाही संयोजित होती है,
तो r = R / 2 , n = 2T
2. ब्याज जब तिमाही संयोजित होता है,
तो r = R / 4 , n = 4T
चक्रवृद्धि ब्याज सूत्र के विभिन्न रूप ÷
चक्रवृद्धि ब्याज = (1 + दर / 100 )^समय – मूलधन
मिश्रधन = मूलधन × (1 दर / 100)^समय
चक्रवृद्धि ब्याज = मिश्रधन – मूलधन
मिश्रधन = मूलधन + ब्याज
चक्रवृद्धि ब्याज = मूलधन [(1 + दर / 100)^समय – 1]
याद करने के उपाय÷
मूलधन P = (I × 100) / R × T
ब्याज CI =P - A
मिश्रधन A = P × (100 + R)
मिश्रधन A = P + I
समय T = (I × 100) / (P × R)
ब्याज की दर R = (I × 100) / (P × T)
यहाँ:
I = Interest (ब्याज)
P = Principal (मूलधन)
R = Rate of Interest ( ब्याज दर)
CI = चक्रवृद्धि ब्याज ( Compound Interest )
Read more Units of conversion
खेत नापने के पैमाने
निश्कर्ष:
गणित मेें साधारण और चक्रवृद्धि ब्याज दोनों परस्पर कार्य करते है। दोनों का अपना विशेष महत्व है। वास्तिविकता यह है कि जब कभी ब्याज को मूलधन में जोड़कर उसका भी ब्याज प्राप्त किया जाता है उसे Compound Interest formula in Hindi से हल किया जाता है। लेन-देन में चक्रवृद्धि ब्याज का सर्वाधिक प्रयोग किया जाता है। व्यक्तिगत कार्य को पूरा करने भी इसका उपयोग होता है।
उम्मीद है यह लेख आपसब को पसंद आया होगा। यदि पसंद आए तो सेयर अवश्य करें।
धन्यवाद।
FAQ
Qua. कंपाउंडिंग कैसे काम करती है?
Ans. चक्रवृद्धि ब्याज तब होता है जब आपके द्वारा बचत पर अर्जित ब्याज स्वयं पर ब्याज लगाना शुरू कर देता है।
Qua. चक्रवृद्धि ब्याज का अर्थ क्या है?
Ans. जब समय-समय पर संचित हुए ब्याज को मूलधन में ऐड कर इस मिश्रधन पर ब्याज की गणना की जाती है तो इसे चक्रवृद्धि ब्याज (compound interest) कहते हैं।
Qua. कंपाउंडिंग पावर क्या है?
Ans. कंपाउंडिंग की शक्ति आपके धन को तेजी से बढ़ाकर काम करती है। यह कमाए गए लाभ को वापस मूल राशि में जोड़ता है और फिर लाभ अर्जित करने की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए पूरी राशि का पुनर्निवेश करता है।

No comments:
Post a Comment