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Jun 20, 2023

Chemistry Formulas in Hindi || रासायन शास्त्र के महत्वपूर्ण अनुलग्न

जब भिन्न भिन्न  तत्त्वों के दो या दो से अधिक परमाणु  एक निश्चित अनुपात में संयुक्त होकर जुड़ते हैं तो इस रासायनिक अभिक्रिया से एक अणु प्राप्त होता है जिसे रासायनिक यौगिक कहते हैं। इनमें कुछ को उनके प्रारंभिक घटकों में तोड़ा जा सकता है किन्तु कुछ को नहीं तोड़ा जा सकता है। जिनको नही तोड़ा जा सकता उन्हे जटिल यौगिक कहते हैं। नये पदार्थ बनने के उपरांत इनके नाम भी चेंज हो जाते हैं लेकिन अपने मूल नाम से एकदम अलग नही होते। इनके आगे या पीछे कोई पूर्वलग्न या अनुलग्न जुड़ जाता है। इस क्रिया को हम, आगे विस्तार से समझेंगें। यहाँ यौगिक के बाद मे जुड़ने वाले कुछ अनुलग्न संलग्न किए गए हैं। ये इक्जाम्स में बहुत उपयोगी हैं। रसायन शास्त्र के जादातर यौगिको के नाम इन्ही अनुलग्नो से बने होते हैं।

Chemistry Formulas in Hindi || रासायन शास्त्र  के महत्वपूर्ण अनुलग्न


महत्वपूर्ण अनुलग्न:

रासायन विग्यान के वेरिएंट होते हैं। ये किसी यौगिक के बाद में जुड़कर उस यौगिक का एक नया नाम बनाते हैं। 
रसायन शास्त्र में इनका बहुत योगदान है।
ये अनुलग्न निम्नलिखित हैं। 

1. नाइट्राट  NO2−

2. नाइट्रेट  NO3−

3. सल्फाईट  SO32−

4. सल्फेट  SO42−

5. बाईसल्फेट  HSO4−

6. हैड्रॉक्सीडे  OH−

7. फॉस्फेट  PO43−

8. बाई फॉस्फेट  HPO42−

9. डाईहाइड्रोजन फॉस्फेट H2PO4−

10. साइनाइड  CN−

11. कार्बोनेट  CO32−

12. बाईकार्बोनेट  HCO3−

13. एसीटेट  C2H3O2−

14. हाइपोक्लोराइट  ClO−

15. क्लोराइट  ClO2−

16. क्लोरेट  ClO3−

17. परक्लोरेट  ClO4−

18. ऑक्सालेट  C2O42-

19. परमैंगनेट  MnO4−

20. डाईक्रोमेट  Cr2O72−

21. क्रोमेट  CrO42−

22. परोक्साइड  O22−

23. सुपरऑक्साइड  O2-

24. हाइड्रोजनऑक्सालेट  HC2O4-

रासायन शास्त्र में अनेकों यौगिक हैं जिनके नाम अनुलग्न जोड़कर बनाए गए हैं सबको दिखा पाना मुश्किल है। यहां दिए गए यौगिको के इर्द-गिर्द में जादातर यौगिक, एजुकेशन में प्रयुक्त होते रहते हैं।
इस प्रकार आपसब ने देखा कि रासायनिक यौगिक के नाम कैसे बनाते हैं।  अनुलग्न क्या हैं। उम्मीद है यह कन्टेन्ट आपको अच्छे से समझ में आया होगा।

धन्यवाद।

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                              PH Scale in hindi
                              Bahupad in hindi
                                    त्रिभुज के प्रकार 

FAQ

Qua. मूलानुपाती सूत्र (Empirical Formula) क्या होते हैं? 

Ans. किसी तत्व का वह सरल सूत्र जो तत्व में उपस्थित परमाणुओं की संख्याओं के अनुपात को व्यक्त करता है।मूलानुपाती सूत्र कहलाता है।

Ex. कार्बन (C) और हाइड्रोजन (H) के परमाणुओं की संख्या का सरल अनुपात 1:3 है।अतः एथेन का मूलानुपाती सूत्र CH3 होता है।

Qua. संरचना सूत्र (Structural Formula) क्या होता है?

Ans. रासायनिक यौगिकों के अणुओं की संरचना के ग्राफिकल रिप्रजेंटेशन को संरचना सूत्र कहते है।

Ex. CH3–CH2–OH   

Qua. पोटैशियम नाइट्रेट का सूत्र क्या होता है?

Ans. KNO3

  

May 1, 2023

PH Scale in hindi

किसी भी रसायन के लिए pH वैल्यू बहुत महत्वपूर्ण है। दैनिक जीवन में भी यह बहुत लाभदायक है। उद्योगों मे बहुतायत रूप से इसका प्रयोग होता है। जल मे घुलनशील अनिष्ट पदार्थों का पता इसी से लगाया जाता है। इसकी महत्ता को देखते हुए आज आपसब को pH वैल्यू के बारे मेें डिटेल से बताया जा रहा है।
PH Scale in hindi

पी एच पैमाना (PH Scale):


किसी विलयन में उपस्थित हाईड्रोजन आयन की सांद्रता जानने के लिए एक स्केल का निर्माण किया गया जिसे pH स्केल कहा जाता है।

पी एच वैल्यू:

pH वैल्यू एक ऐसी संख्या है जो किसी विलयन की अम्लीयता और क्षारीयता को दर्शाती है।

हाईड्रोनियम आयन की सांद्रता जितनी अधिक होगी उस विलयन का pH उतना ही कम होगा।

उदासीन विलयन का पी एच:

किसी उदासीन विलयन के लिए pH का मान 7 होता है।

अम्ल की पी एच वैल्यू:
यदि pH स्केल पर किसी विलयन की pH वैल्यू 7 से कम है तो ये अम्लीय विलयन होगा।

क्षार की पी एच वैल्यू:
यदि pH स्केल पर किसी विलयन की pH वैल्यू 7 से अधिक है तो वह विलयन क्षारीय होगा।

Note- पी एच वैल्यू 7 से 14 तक बढ़ती है। जैसे जैसे विलयन की pH वैलू बढ़ती है उसकी क्षारीय शक्ति (क्षारकता) भी बढ़ती है।

प्रबल अम्ल :

अधिक संख्या में H+ आयन का निर्माण करने वाले अम्ल प्रबल अम्ल कहलाते हैं।

दुर्बल अम्ल:
कम संख्या में H+ आयन का निर्माण करने वाले अम्ल दुर्बल अम्ल कहलाते हैं।

दैनिक जीवन में pH का महत्व

(importance of  pH in Everyday life)

1. पौधों एवं जन्तुओं की pH के प्रति संवेदनशीलता:
जीवित प्राणी केवल संकीर्ण pH परास ( परिसर ) में ही जीवित रह सकते हैं । जैविक शरीर 7.0 से 7.8 pH परास के बीच कार्य करता है।

2. अम्लीय वर्षा (Acidic Rain):
बादलों में दूषित हवाओं में मिक्स SO2 के कारण जल का pH कम हो जाता है। फिर यही जल वर्षा के रूप में धरती पर गिरता है इसे अम्लीय वर्षा कहते हैं। इसमें जल का pH 5.6 तक कम हो जाता है।
इससे जलीय जीवधारियों की उत्तरजीविता कठिन हो जाती है। 


3. मृदा की pH वैलू:
मिट्टी की प्रकृति ज्ञात करने के लिए इसका pH परीक्षण करते हैं, इसके बाद इसमें कोई फसल को उगाते हैं। जब मृदा की pH वैलू 7 के निकट होती है तब पौधे उत्तम रूप से विकसित होते हैं, मिट्टी की pH वैलू ज्ञात होने पर विशेष फसल के लिए उर्वरक का चुनाव सरलता से किया जा सकता है। 

4. हमारे पाचन तन्त्र की pH वैलू:
हमारे उदर में पाया जाने वाला HCL पाचन में सहायता करता है । अधिक भोजन कर लेने की स्थिति में उदर अत्यधिक मात्रा में अम्ल उत्पन्न करता है, जिसके कारण उदर में दर्द एवं जलन का अनुभव होता है, एसिडिटी हो जाती है। इसमें pH की रेंज बिगड़ जाती है इस pH रेंज सही करने के लिए मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड ( मिल्क ऑफ मैग्नीशिया,MgOH) को औषधि के रूप में प्रयुक्त करते हैं।
इसे प्रतिअम्ल भी कहते हैं , क्योंकि यह अम्ल के प्रभाव (अम्लता ) को कम कर देती है और अम्ल के आधिक्य मात्रा को उदासीन कर देता है।

5.पशुओं एवं पौधों द्वारा उत्पन्न रसायनों से आत्मरक्षा:
जब कीट, जैसे- बर्र, ततैया, चींटी इत्यादि डंक मारते हैं, तो डंक मेें से एक अम्ल डिस्चार्ज करते हैं, इसके कारण ही दर्द एवं जलन का अनुभव होता है। डंक मारे गए अंग पर बेकिंग सोडा (Na2HCO3) जैसे दुर्बल क्षारक को लगाने से आराम मिलता है। 

6. पौधों में pH:
नेटल के पत्तों में डंकनुमा बाल होते हैं,जिसे शरीर में छू जाने पर डंक जैसा दर्द अनुभव होता है। इन बालों में मेथेनॉइक अम्ल का स्राव होता है जो त्वचा में चला जाता जाता है जिसके कारण दर्द का अनुभव होता है। 
इसके उपचार के लिए डंक वाले स्थान पर ढाक पौधे की पत्ती रंगड़कर लगाते हैं। ये पौधे अधिकतर नेटल के पास ही पैदा होते हैं।


दोस्तो इस प्रकार आपसब ने देखा कि किस तरह pH वैली रासायनिक विलयन से लेकर जैविक शरीर तथा मृदा की उपजाऊ शक्ति तक पर को प्रभावित करती है। उम्मीद है यह आपसब को पसंद आया होगा। अगर पसंद आए तो शेयर अवश्य कीजिए। 

धन्यवाद। 


FAQ

Qua. अम्लीय वर्षा क्या है?
Ans. बादलों में दूषित हवाओं में मिक्स SO2 के कारण जल का pH कम हो जाता है। फिर यही जल वर्षा के रूप में धरती पर गिरता है इसे अम्लीय वर्षा कहते हैं।

Qua. पी एच वैलू कितना बढ़ती है?
Ans. पी एच वैल्यू 7 से 14 तक बढ़ती है। जैसे जैसे विलयन की pH वैलू बढ़ती है उसकी क्षारीगय शक्ति (क्षारकता) भी बढ़ती है।

Qua. प्रबल अम्ल क्या हैं?
Ans. अधिक संख्या में H+ आयन का निर्माण करने वाले अम्ल प्रबल अम्ल कहलाते हैं।


Qua. पी एच वैलू पर हाईड्रोनियम आयन का क्या प्रभाव होता है?
Ans. हाईड्रोनियम आयन की सांद्रता जितनी अधिक होगी उस विलयन का pH उतना ही कम होगा।

Apr 22, 2023

Difference between mixture and Compounds in hindi

मिश्रण एंव यौगिक में अंतर तथा इसके प्रकार यौगिक:  जब दो या दो से अधिक पदार्थ निश्चित अनुपात में एक साथ मिलाते हैं तो जो नया substance बनता है वह यौगिक कहलाता है। यौगिक बनाने के लिए तत्वों का रिएक्शन कराना पड़ता  है । तत्वों को रिएक्ट कराने के अनेक तरीके हैं। इन तरीकों का प्रोसेस अलग- अलग होता है। आज आपसब को Difference between mixture and Compounds in hindi के बारे डिटेल मेेें बताऊंगा।
Difference between mixture and Compounds in hindi

मिश्रण एंव यौगिक में अंतर तथा इसके प्रकार:

यौगिक:  जब दो या दो से अधिक पदार्थ निश्चित अनुपात में एक साथ मिलाते हैं तो जो नया substance बनता है वह यौगिक कहलाता है।
यौगिक बनाने के लिए तत्वों का रिएक्शन कराना पड़ता  है । तत्वों को रिएक्ट कराने के अनेक तरीके हैं। इन तरीकों का प्रोसेस अलग- अलग होता है। 

मिश्रण: जब दो या दो से अधिक तत्वों को अनिश्चित अनुपात में मिलाया जाता है तो जो सलुशन प्राप्त होता है वह मिश्रण कहलाता है। मिश्रण में तत्व का अनुपात निश्चित नहीं होता है मिश्रण को यौगिक की तुलना में आसानी से अलग किया जा सकता है 
क्योंकि इसको अलग करने का बहुत ही सरल तरीके हैं। 


                     Indicators in hindi

समांगी मिश्रण (Homogeneous mixture):

वह मिश्रण जिसका संगठन सभी जगह समान हो, जो पूर्णतः मिक्स हो समांगी मिश्रण कहलाता है। 
इस विलयन के विभिन्न अवयव अलग-अलग नहीं दिखाई देते हैं।
Ex. नमक का जलीय विलयन, कार्बन डाइऑक्साइड में सल्फर, चीनी और जल का मिश्रण आदि।

विसमांगी मिश्रण (Heterogeneous mixture):

जिस मिश्रण के विभिन्न-विभिन्न भागों का संघटन एक-दूसरे से भिन्न होता है। उसे विषमांगी मिश्रण कहते हैं। 
Ex.
जल और तेल का मिश्रण एक विषमांगी मिश्रण है।

मिश्रण एंव यौगिक के प्रकार-

यौगिक दो प्रकार के होते हैं:
1. अकार्बनिक यौगिक
2. कार्बनिक यौगिक

अकार्बनिक यौगिक : ये वे रासायनिक यौगिक होते हैं जिनमें कार्बन नहीं पाया जाता है।
इस कारण इनमें कार्बन बन्ध का आभाव होता है।

Ex. H2O, H2SO4, Na2SO4, Al2SO4, Kcl etc.

ऑक्साइड(छारक) : इसे बनाने के लिए धातु और ऑक्सीजन को एक साथ संयुक्त किया जाता है। यह स्वाभाविक एंव औधोगिक रूप से बनया जाता है। 
Ex. NaOH, KOH, MgCO3, NaCO3, ZnOH

एसिड (अम्ल): इसका अणु हाइड्रोजन से शुरू होता है । इसे भी निम्न प्रकार से विभाजन किया जाता है।
Ex. H2SO4, Al2SO4, K2SO4, Na2SO4 etc.


हाइड्रोजन और अन्य प्रकार के धातु से बने हाइड्रो एसिड्स, तथा ऑक्साइड्स जो तैयार होता है । वह एक हाइड्रोजाइड प्लस ऑक्सीजन होता है।

लवण (साल्ट): जब अम्लों को, किसी हाइड्रोजन के धातु द्वारा प्रतिस्थापन किया जाता है तो लवण प्राप्त होता है। यदि लवण बनने की बात आती है। 
Ex. NaCl, NH4Cl, Al2Cl etc.

पानी: इसका उपयोग मानव दैनिक जीवन में होता है।उद्योग एंव अनेक तरह के कामों में इसका उपयोग किया जाता है।


कार्बनिक यौगिक : यह कार्बन के द्वारा बना यौगिक होता है। इसलिए कार्बन के यौगिक को कार्बनिक यौगिक कहा जाता है।
ज्यादातर कार्बनिक यौगिक में हाइड्रोजन, ऑक्सीजन तथा विभिन्न प्रकार के तत्व पाये जाते हैं। कार्बन यौगिक हमेशा सहसंयोजक बंध द्वारा जुड़े रहते हैं।
CH4, C2H6, C3H8, COOH, CH3COOH, C2H5COOH, C2H5OH etc.

कार्बनिक यौगिक का Melting Point और Boiling Point बहुत कम रहता है। इस कारण कार्बनिक यौगिक विधुत के कुचालक होते हैं। ये सभी प्रकार के जीवित प्राणी में पाये जाते हैं। इन्हें कृतिम विधि द्वारा निकाला जा सकता है।

मिश्रण पृथक्करण का तरीका : 

मिश्रण पृथक्क़रण के निम्लिखित तरीके हैं। इनका उल्लेख निचे किया गया है-

1. छानना (फिल्टरिंग): इस तरीके द्वारा बहुत ही आसानी से मिश्रण को Filter किया जा सकता है। इस प्रक्रिया द्वारा अघुलनशील ठोस पदार्थ को अलग किया जाता है। Ex. पानी एंव रेत, चाय पत्ती और चाय, खर पतवार और गन्ने का रस आदि।
इसमें अलग करने के लिए एक फ़िल्टर द्वारा मिश्रण को गुजारा जाता है। जिसमे सूक्षम पदार्थ आगे निकल जाता है । जबकि मोटे पदार्थ उसमें अटक जाते हैं। 

2. वाष्पीकरण :  इस तरीके के द्वारा समाग मिश्रण को अलग किया जाता है।
इसमें घोल को गर्म किया जाता है। पानी वाष्प बनकर ऊपर उण जाता है और दूसरा पदार्थ बर्तन में रह जाता है।
Ex. चीनी और पानी का घोल, गन्ने का रस और गुण, खोया और दूध।

3. आसवन :  इस प्रकार के विधि द्वारा पानी एंव स्याही को अलग किया जा सकता है ।

4. क्रोमैटोग्राफी: इस विधि द्वारा विघटित पदार्थो को अलग किया जाता है । इससे रंग तथा स्याही को अलग किया जाता है। 


निष्कर्ष : दोस्तों इस पोस्ट में यौगिक, मिश्रण तथा यौगिक के प्रकार , लवण की व्याख्या, तथा मिश्रण पृथकरण करने का तरीका इत्यादि के बारे में जानकारी देने की कोशिस की गई है। ये पाठ्यक्रम के सिलेबस और प्रतियोगितात्मक इक्जाम्स दोनो के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। 

धन्यवाद। 


FAQ

Qua. पदार्थ क्या है?
Ans.जिन्हे हम छू सके, फील कर सके अथवा देख सके और जिनका द्रव्यमान हो वे पदार्थ कहलाते हैं। 

Qua. कितने पदार्थ से मिश्रण निर्मित होता है?
Ans. दो पदार्थो से मिश्रण का निर्माण होता है।

Qua. दूध क्या है?
Ans. दूध, एक प्रकार का मिश्रण है।
Qua. पानी तथा चीनी के मिश्रण को किस विधि से अलग करते हैं?
Ans. वाष्पीकरण विधि से। 

Apr 17, 2023

Chemistry Formulas in Hindi || रासायन शास्त्र के महत्वपूर्ण अनुलग्न

जब भिन्न भिन्न  तत्त्वों के दो या दो से अधिक परमाणु  एक निश्चित अनुपात में संयुक्त होकर जुड़ते हैं तो इस रासायनिक अभिक्रिया से एक अणु प्राप्त होता है जिसे रासायनिक यौगिक कहते हैं। इनमें कुछ को उनके प्रारंभिक घटकों में तोड़ा जा सकता है किन्तु कुछ को नहीं तोड़ा जा सकता है। जिनको नही तोड़ा जा सकता उन्हे जटिल यौगिक कहते हैं। नये पदार्थ बनने के उपरांत इनके नाम भी चेंज हो जाते हैं लेकिन अपने मूल नाम से एकदम अलग नही होते। इनके आगे या पीछे कोई पूर्वलग्न या अनुलग्न जुड़ जाता है। इस क्रिया को हम, आगे विस्तार से समझेंगें। यहाँ यौगिक के बाद मे जुड़ने वाले कुछ अनुलग्न संलग्न किए गए हैं। ये इक्जाम्स में बहुत उपयोगी हैं। रसायन शास्त्र के जादातर यौगिको के नाम इन्ही अनुलग्नो से बने होते हैं।

Chemistry Formulas in Hindi


महत्वपूर्ण अनुलग्न:

रासायन विग्यान के वेरिएंट होते हैं। ये किसी यौगिक के बाद में जुड़कर उस यौगिक का एक नया नाम बनाते हैं। 
रसायन शास्त्र में इनका बहुत योगदान है।
ये अनुलग्न निम्नलिखित हैं। 

1. नाइट्राट  NO2−       

2. नाइट्रेट  NO3−

3. सल्फाईट  SO32−

4. सल्फेट  SO42−

5. बाईसल्फेट  HSO4−

6. हैड्रॉक्सीडे  OH−

7. फॉस्फेट  PO43−

8. बाई फॉस्फेट  HPO42−

9. डाईहाइड्रोजन फॉस्फेट H2PO4−

10. साइनाइड  CN−         कार्बन एक परिचय 

11. कार्बोनेट  CO32−

12. बाईकार्बोनेट  HCO3−

13. एसीटेट  C2H3O2−

14. हाइपोक्लोराइट  ClO−

15. क्लोराइट  ClO2−

16. क्लोरेट  ClO3−

17. परक्लोरेट  ClO4−

18. ऑक्सालेट  C2O42-

19. परमैंगनेट  MnO4−

20. डाईक्रोमेट  Cr2O72−

21. क्रोमेट  CrO42−

22. पैरोक्साइड  O22−

23. सुपरऑक्साइड  O2-

24. हाइड्रोजनऑक्सालेट  HC2O4-


रासायन शास्त्र में अनेकों यौगिक हैं जिनके नाम अनुलग्न जोड़कर बनाए गए हैं सबको दिखा पाना मुश्किल है। यहां दिए गए यौगिको के इर्द-गिर्द में जादातर यौगिक, एजुकेशन में प्रयुक्त होते रहते हैं।
इस प्रकार आपसब ने देखा कि रासायनिक यौगिक के नाम कैसे बनाते हैं। अनुलग्न क्या हैं। उम्मीद है यह कन्टेन्ट आपको अच्छे से समझ में आया होगा।

धन्यवाद। 


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                     Indicators in chemistry 
                          Types of Triangles 

FAQ

Qua. मूलानुपाती सूत्र (Empirical Formula) क्या होते हैं? 
Ans. किसी तत्व का वह सरल सूत्र जो तत्व में उपस्थित परमाणुओं की संख्याओं के अनुपात को व्यक्त करता है।
मूलानुपाती सूत्र कहलाता है।
Ex. कार्बन (C) और हाइड्रोजन (H) के परमाणुओं की संख्या का सरल अनुपात 1:3 है।
अतः एथेन का मूलानुपाती सूत्र CH3 होता है।

Qua. संरचना सूत्र (Structural Formula) क्या होता है?
Ans. रासायनिक यौगिकों के अणुओं की संरचना के ग्राफिकल रिप्रजेंटेशन को संरचना सूत्र कहते है।
Ex. CH3–CH2–OH   


Qua. पोटैशियम नाइट्रेट का सूत्र क्या होता है?
Ans. KNO3


Apr 9, 2023

Magnetic Effect Of Electric Current || विधुत धारा का चुम्बकीय प्रभाव

चुंबक को कुंडली की ओर ले जाने पर कुंडली के परिपथ में विद्युत धरा उत्पन्न होती है, जिसे गैल्वेनोमीटर की सुई के विक्षेप द्वारा इंगित किया जाता है। कुंडली के सापेक्ष चुंबक की गति एक प्रेरित विभवांतर उत्पन्न करती है, जिसके कारण परिपथ में प्रेरित विद्युत धारा प्रवाहित होती है। इसे विद्युत धारा का चुम्बकीय प्रभाव कहते हैं। हाईस्कूल और विग्यान के नालेज के लिए ये बहुत महत्वपूर्ण है। अतः आज आपसब को Magnetic Effect Of Electric Current |विधुत धारा का चुम्बकीय प्रभाव के बारे मेें विस्तार से बताऊंगा।

Magnetic Effect Of Electric Current


चुंबकीय पदार्थ ( Magnetic Substances):

पदार्थ जिन्हें चुबंक आकर्षित करता है, चुंबकीय पदार्थ कहलाते है।
जैसे- लोहा, कोबाल्ट, निकेल आदि।

चुंबक ( Magnet ): चुंबक वह पदार्थ है जो लौह धातु अथवा लौह धातु की बनी वस्तुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है। चुंबक के सिरे के निकट का वह बिंदु जहाँ चुंबक का आकर्षण बल अधिकतम होता है, ध्रुव कहलाता है। चुंबक को स्वतंत्रतापूर्वक लटकाने पर यह उत्तर और दक्षिण दिशा में रुकता है जो ध्रुव उत्तर दिशा की ओर होता है, उत्तरी ध्रुव तथा जो दक्षिण की ओर होता है दक्षिणी ध्रुव कहलाता है। दोनों ध्रुवों को मिलनेवाली रेखा को चुंबकीय अक्ष कहा जाता है।

Note- सजातीय चुंबक एक-दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं और विजातीय चुंबक एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं।

अचुंबकीय पदार्थ (Non magnetic Substances): वे पदार्थ जिन्हें चुंबक आकर्षित नहीं करता, अचुंबकीय पदार्थ कहलाते हैं। 
जैसे- काँच, कागज, पीतल इत्यादि।

                      Acid, Bases and Salts
                      Time and Distance 

चुंबकीय क्षेत्र ( Magnetic field ): 

चुंबक द्वारा उत्पन्न वह क्षेत्र जिसमें किसी चुंबकीय पदार्थ को ले जाने पर वह अपनी ओर आकर्षित करने लगता है, चुंबकीय क्षेत्र कहलाता है। चुंबकीय क्षेत्र को चुंबकीय बल रेखाओं द्वारा दर्शाया जाता है।
Magnetic Effect Of Electric Current

विधुत धारा द्वारा चुंबकीय क्षेत्र उत्त्पन्न होना:

1820 मेें ओर्स्टेड नामक वैज्ञानिक ने अपने प्रयोग से पता लगाया कि जब किसी चालक से विधुत-धारा प्रभावित की जाती है तब चालक के चारों ओर चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न होता है।

चुंबकीय क्षेत्र-रेखाओं के गुण: 

• किसी चुंबक के चुंबकीय क्षेत्र में क्षेत्र-रेखाएँ एक सतत बंद वक्र होती हैं। 

• ये रेखाएं उत्तरी ध्रुव से दक्षिणी ध्रुव में प्रवेश कराती है और पुन: चुंबक के भीतर होती हुई उत्तरी ध्रुव पर वापस आ जाती हैं।  

• ध्रुवों के समीप क्षेत्र-रेखाएँ घनी होती है परंतु ज्यो-ज्यो उनकी दूरी ध्रुवों से बढ़ती है, उनका घनत्व घटता जाता है।

• क्षेत्र-रेखा के किसी बिंदु पर खीची गई स्पर्श रेखा उस बिंदु पर उस क्षेत्र की दिशा बताती है।

• क्षेत्र-रेखाओं की निकटता बढ़ने से चुंबकीय क्षेत्र की प्रबलता बढ़ती है। 

• चुंबकीय क्षेत्र-रेखाएँ एक दूसरे को कभी नहीं काटती हैं।

मैक्सवेल का दक्षिण-हस्त नियम ( Maxwell’s right-hand rule ) 

यदि धारावाही तार को दाएँ हाथ की मुट्ठी में इस प्रकार पकड़ा जाए कि अंगूठा धारा की दिशा की ओर संकेत करता हो तो हाथ की अन्य अँगुलियाँ चुंबकीय क्षेत्र की दिशा व्यक्त करेगी।
Magnetic Effect Of Electric Current


धारावाही वृताकार तार के कारण चुंबकीय क्षेत्र: 

ताँबे का एक मोटा तार लेकर उसे वृताकार रूप में मोड़ कर धारा प्रवाहित करने पर चुंबकीय क्षेत्र रेखाएँ उत्पन्न होती हैं। वे कुछ निम्न प्रकार दिखाई देती हैं। 8




परिनालिका ( Solenoid ) – जब एक लंबे विधुतरोधित चालक तार को सर्पिल रूप में इस प्रकार लपेटा जाता है कि तार के फेरे एक दूसरें से अलग, परंतु अगल-बगल हों, तो इस प्रकार की व्यवस्था को परिनालिका कहते हैं। 

विधुत-चुंबक ( Electromagnet ):

विधुत-चुंबक ऐसा चुंबक है जिसमें चुंबकत्व उतने ही समय तक विद्यमान रहता है जितने समय तक परिनालिका में विधुत-धारा प्रवाहित होती रहती है। ऐसा विधुत-चुंबक बनाने के लिए एक नरम लोहे के छड को परिनालिका में रखा जाता है।

विधुत-चुंबक की तीव्रता निम्नलिखित बातों पर निर्भर करती है-

• विधुत-धारा का परिमाण जितना अधिक होगा चुंबकत्व भी अधिक होगा। 

• परिनालिका में फेरों की संख्या अधिक होने पर चुंबकत्व अधिक होगा। 

• क्रोड के पदार्थ की प्रकृति जैसी होगी चुम्बकत्व भी वैसा होगा। 

धारावाही चालक पर चुंबकीय क्षेत्र का प्रभाव- 

• जब एक धारावाही चालक को चुंबकीय क्षेत्र में रखा जाता है तो उसपर एक बल लगता है।

• 'बल की दिशा', चुंबकीय क्षेत्र की दिशा तथा विधुत-धारा की दिशा, दोनों पर निर्भर करती है।

फ्लेमिंग का वाम-हस्त नियम ( Fleming’s left-hand rule ):

यदि हम अपने बाएँ हाथ की तीन अँगुलियों 'मध्यमा, तर्जनी तथा अंगूठे' को परस्पर लंबवत फैलाएँ और यदि तर्जनी चुंबकीय क्षेत्र की दिशा तथा मध्यमा धारा की दिशा को दर्शाये तब अँगूठा, धारावाही चालक पर लगने वाले बल की दिशा को व्यक्त करता है।

विधुत मोटर ( Electric motor ):

विधुत मोटर ( Electric motor ): विधुत मोटर में एक शक्तिशाली चुंबक होता है। इसके अवतल ध्रुव खण्डों के बीच ताँबे के तार की कुंडली होती है जिसे आर्मेचर कहते हैं। आर्मेचर के दोनों छोर पीतल के खंडित वलयों के बने होते हैं जो R1 तथा R2 से जुड़े होते हैं। इनपे कार्बन के दो बुश B1 तथा B2 लगे होते हैं जो आर्मेचर को स्पर्श करते रहते हैं। जब आर्मेचर से धारा प्रवाहित की जाती है तब चुंबक के चुंबकीय क्षेत्र के कारण कुंडली के भुजाओं पर समान मान के किंतु विपरीत दिशाओं में बल लगते हैं इस बल के कारण आर्मेचर घूर्णन करने लगता है।



Note- विधुत मोटर एक ऐसा यंत्र है जिसके द्वारा विधुत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है।

विधुत-चुंबकीय प्रेरण (Electromagnetic Induction):

जब किसी ताँबे के तार की बंद लूप के दोनों सिरों से एक गैल्वेनोमीटर जोड़कर एक छड-चुंबक के किसी एक सिरे को तेजी से उसकी ओर लाए, तो गैल्वेनोमीटर के संकेतक का विक्षेप होता है जिससे पता चलता है कि लूप में धारा का प्रवाह हो रहा है।

Note- लूप में विधुत-धारा उतने ही समय तक प्रवाहित होती है, जब तक कि लूप तथा चुंबक के बीच आपेक्षित गति बनी रहती है।

फ्लेमिंग का दक्षिण-हस्त नियम ( Fleming’s right-hand rule ):

यदि दाहिने हाथ का अँगूठा, तर्जनी और मध्यमा परस्पर समकोणिय तरीके से इस प्रकार रखे गए हो कि तर्जनी चुंबकीय क्षेत्र की दिशा को संकेत करती हो और आँगूठा गति की दिशा में हो तो, मध्यमा प्रेरित धारा की दिशा की ओर संकेत करेगी।


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विधुत जनित्र ( Electric Generator ): 

विधुत जनित्र में एक शक्तिशाली चुंबक होता है, जिसके बीच एक ताँबे के तार की कुंडली को तेजी से घुमाया जाता है। कुंडली के तार के दोनों छोर पर ताँबे के विभक्त वलय C1 तथा C2 लगे रहते हैं। इन वलयों को कार्बन ब्रुश B1 तथा B2 स्पर्श करते रहते हैं। कुंडली के घूर्णन और विभक्त वलय द्वारा प्रेरित धारा की दिशा में परिवर्तन के कारण प्रतिरोधक R में लगातार एक ही दिशा में विधुत-धारा प्रवाहित होती रहती है। इसी धारा को दिष्ट-धारा (Direct Current) कहते हैं। जो इसे प्रोड्यूस करता हो उस जनित्र को डायानेमों या दिष्ट धारा जनित्र कहते हैं। 

Note- यदि विभक्त वलयों के स्थान पर सर्पी वलयों को लगा दिया जाए तो प्रत्येक अर्ध धूर्णन के बाद धारा की दिशा बदल जाएगी, इस प्रकार की धारा को प्रत्यावर्ती धारा ( Alternative Current ) कहते हैं। इस प्रकार के जनित्र को प्रत्यावर्ती धारा जनित्र करते हैं।

घरों में उपयोग की जानेवाली बिजली- हमारे घरों में जो विधुत आपूर्ति की जाती है वह 220 V पर प्रत्यावर्ती धारा होती है जिसकी आवृति 50 Hz होती है। इसे मेनलाइन पावर कहा जाता है। जिस तार से यह आपूर्ति होती है, उसे मेन्स वायर या मेन्स कहते हैं। मेन्स के दो तार होते हैं एक से 5 A तक की धारा प्रवाहित होती है तथा दूसरें से 15 A तक की धारा प्रवाहित की जाती है।

घरेलू वायरिंग की संरचना- पावरहाउस से ट्रांसफाॅर्मर की सहायता से विधुत को विधुत पोलों से केबल के द्वारा घरों तक पहुँचाया जाता है। इसमें एक विधुन्मय तार होता है जो लाल रंग के विधुतरोधी पदार्थ से ढँका होता है। दूसरा उदासीन तार होता है जो काले रंग के विद्दुतरोधी पदार्थ से कवर्ड होता है। घरों में एक तीसरा तार भी होता है जिसे भू-तार कहते हैं जो हरें रंग के विधुतरोधी पदार्थ से कवर्ड होता है। 

अतिभारण ( Overloading )- 

विधुत परिपथ में इस्तेमाल होनेवाले तारों का चयन उनमें प्रवाहित होने वाली धारा के परिमाण के महत्तम मान पर निर्भर करता है। यदि उपकरणों की कुल शक्ति इस स्वीकृत सीमा से अधिक हो जाती है तो इसे अतिभारण कहा जाता है।

लघुपथन ( Short-circuiting ): 

कभी-कभी तारों के विद्दुतरोधी परत के खराब या क्षतिग्रस्त हो जाने पर वे आपस में संपर्क (टच) हो जाते हैं। ऐसा होने पर परिपथ का प्रतिरोध लगभग शून्य हो जाता है और परिपथ में बहुत अधिक धारा प्रवाहित होने लगाती है। इससे बहुत तीव्र स्पार्क उत्पन्न होता है तथा परिपथ का ताप बहुत बढ़ जाता है। वायर गल जाते हैं। इसे लघुपथन कहते हैं। 

फ्यूज ( Fuse ): 

फ्यूज ऐसे तार का एक टुकड़ा होता है जिसके पदार्थ की प्रतिरोधकता बहुत अधिक होती है तथा गलनांक बहुत कम होता है। विधुत फ्यूज, विधुत परिपथ के बचाव के लिए सबसे आवश्यक सुरक्षा युक्ति है। जब परिपथ में अतिभारण या लघुपथन के कारण या मेन्स में वोल्टता की सीमा बढ़ जाने पर धारा का प्रवाह तेजी से होने लगता है तो धारा से उत्पन्न ऊष्मा के कारण फ्यूज का तार पिघल जाता है और परिपथ भंग हो जाता है। इससे भावी संकट से बचाव हो जाता है।

विधुत के उपयोग से संबंद्ध सावधानियाँ- 

विधुत के उपयोग से संबंद्ध सावधानियाँ- 

• स्विचों प्लगों सँकटों तथा जोड़ा पर सभी संबंधन अच्छी तरह से होने चाहिए

• विधुत-परिपथ में कोई मरम्मत करते समय दस्ताने और जूता पहनना चाहिए |

• स्विच, प्लगों सँकटों तार आदि अच्छे किस्म के होने चाहिए

• परिपथ में आग लगने या अन्य किसी दुर्घटना से बचने के लिए MCV लगवाना चाहिए | 

• परिपथ में लगे फ्यूज उपयुक्त क्षमता तथा पदार्थ के बने होने चाहिए | 


• यदि कोई व्यक्ति विधुन्मय तार के सीधे संपर्क में आ जाता है ओत उसे किसी विधुतरोधी

इस प्रकार हमने विधुत परिपथ, विद्युत क्षेत्र, विद्युत का उपयोग आदि के बारे में बिस्तार समझा। उम्मीद है आपलोग इस चैप्टर को आसान भाषा में समझ पाए होगें। अपने जान पहचान के अन्य विद्यार्थीगण के साथ भी इसे शेयर करें। 

धन्यवाद ।

FAQ

Qua. चुंबक क्या है?

Ans. चुंबक एक नरम लोहे का स्वरूप है, इसमें आकर्षित करने के गुण उपस्थित होते हैं। यह लोहे को आकर्षित करता है।


Qua. विधुत परिपथ भंग क्या होता है?

Ans. जब विधुत परिपथ में अधिक धारा प्रवाहित होने लगती है तो विधुत परिपथ भंग हो जाता है और परिपथ धारा रुक जाती है।

Qua. अतिभारण (Overloading) क्या होता है?

Ans. विधुत परिपथ में इस्तेमाल होनेवाले तारों का चयन उनमें प्रवाहित होने वाली धारा के परिमाण के महत्तम मान पर निर्भर करता है। यदि उपकरणों की कुल शक्ति इस स्वीकृत सीमा से अधिक हो जाती है तो इसे अतिभारण कहा जाता है।


Qua. घरों में उपयोग की जानेवाली बिजली कैसी होती है?

Ans. हमारे घरों में जो विधुत आपूर्ति की जाती है वह 220 V पर प्रत्यावर्ती धारा होती है जिसकी आवृति 50 Hz होती है।


Qua. विधुत मोटर का कार्य क्या होता है?

Ans. विधुत मोटर एक ऐसा यंत्र है जिसके द्वारा विधुत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है।  


Mar 26, 2023

Chemistry Formulas || रासायनिक यौगिक सूत्र

जब भिन्न भिन्न  तत्त्वों के दो या दो से अधिक परमाणु  एक निश्चित अनुपात में संयुक्त होकर जुड़ते हैं तो इस रासायनिक अभिक्रिया से एक अणु प्राप्त होता है जिसे रासायनिक यौगिक कहते हैं। इनमें कुछ को उनके प्रारंभिक घटकों में तोड़ा जा सकता है किन्तु कुछ को भौतिक विधियों द्वारा सरल पदार्थों में नहीं तोड़ा जा सकता है। उन्हें अलग करने के लिए रासायनिक विधियों का प्रयोग करना पड़ता है।जल , अमोनिया , कार्बन डाइऑक्साइड, चीनी आदि रासायनिक यौगिक के कुछ उदाहरण हैं। so नीचे ChemistryFormulas के कुछ महत्वपूर्ण यौगिक दिए जा रहे हैं। ये क्लास व प्रतियोगितात्मक दोनों इक्जाम्स में पूछे जाते हैं इसलिए इन्हें याद कर लें।

Chemistry Formulas


महत्वपूर्ण अकार्बनिक यौगिक÷ 

1. जल    H2O
2. भारी जल    D2O
3. आक्सीजन   O2
4. कार्बन डाइऑक्साइड   CO2
5. नाइट्रोजन    N2
6. हाइड्रोजन    H2
7. कार्बन मोनोआक्साइड   CO
8. सल्फर डाइऑक्साइड   SO2
9. क्लोरीन    Cl2
10. नाइट्रोजन डाइऑक्साइड   NO2
11. नाइट्रोजन मोनोऑक्साइड (नाइट्रिक ऑक्साइड)NO
12. नाइट्रोजन ऑक्साइड (नाइट्रस ऑक्साइड) -- N2O
13. अमोनिया    NH3
14. हाइड्रोजन क्लोराइड   HCl  (हाइड्रोक्लोरिक अम्ल)
15. अमोनियम   NH4
16. मैग्निज डाइऑक्साइड    MnO2
17. सल्फ्यूरिक अम्ल   H2SO4
18. सल्फ्यूरस अम्ल   H2SO3
19. नाइट्रिक अम्ल   HNO3
20. कार्बोनिक एसिड   H2CO3
21. फॉस्फोरिक एसिड   H3PO4
22. सोडियम क्लोराइड   NaCl
23. सोडियम कार्बोनेट   Na2CO3
24. कैल्शियम कार्बोनेट   CaCO3
25. कैल्शियम सल्फेट   CaSO4
26. अमोनियम सल्फेट   (NH4)2SO4
27. नाइट्रेट पोटेशियम    KNO3 
30. सोडियम हाइड्राक्साइड   NaOH
31. पोटेशियम हाइड्राक्साइड   KOH
32. कैल्शियम हाइड्राक्साइड   Ca(OH)2
33. नाइट्रस आक्साईड    N2O  (लाफिंग गैस)
34 कैल्शियम कार्बोनेट   CaCO3  (संगमरमर)
35. कैल्शियम कार्बोनेट   CaCO3  (चुने का पत्थर)
36. पोटाश फिटकरी  K2SO4.(Al2SO4)2.24H2O
37. कॉपर सल्फेट   CuSO4  (नीला थोथा)
38. कैल्सियम आक्साईड  CaO  (कली चूना)
39. पोटेशियम हाईड्राक्साईड   KOH  (कास्टिक)
40. खाने का सोडा (सोडियम बाईकार्बोनेट )  NaHCO3
41. जिप्सम (कैल्सियम सल्फेट )  CaSO4.2H2O
42. धावन सोडा (सोडियम कार्बोनेट)   Na2CO3
43. नौसादर (अमोनियम क्लोराईड)    NH4Cl
44. बुझा चूना (कैल्सियम हाईड्राक्साईड )  Ca(OH)2
45. पोटैशियम सल्फेट    K2SO4
46. लाल दवा (पोटैशियम परमैगनेट )  KMnO4
47. लाल सिंदूर (लैड परऑक्साइड)   Pb3O4
48. शुष्क बर्फ (ठोस कार्बन-डाई-आक्साईड)   CO2
49. शोरा (पोटैशियम नाइट्रेट)   KNO3
50. सिरका (एसिटिक एसिड का तनु घोल) CH3COOH
51. सुहागा (बोरेक्स)   Na2B4O7.10H2O
52. स्प्रिट (मैथिल एल्कोहल)   CH3OH
53. हरा कसीस  (फैरिक सल्फेट)    Fe2(SO4)3
54. स्लेट (सिलिका एलुमिनियम आक्साईड)                  Al2O32SiO2.2H2O
55. बालू  (सिलिका डाइऑक्साइड)   SiO2
56. शीशा   Al2O32SiO2
57. माईका  Al2Si
58. पोटैशियम फेरोसायनाइड   KCN
59. बारूद    KNO3+S+C
61. हाइड्रोब्रॉमिकअम्ल   HBr
62. सिट्रिक एसिड   C6H8O7
63. क्रोमिक अम्ल   H₂CrOI₄
64. ब्रोमिक अम्ल    HBrO₃
65. थायो सल्फेट    Na₂S₂O₃
66. सिदूर  (लेड सल्फाइड)   PbS   (गैलेना)
67. फास्फोरस पेंटा आक्साईड    PO4
68.  फास्फोरस हाईपो टेट्रा आक्साईड   H3PO3
69. आर्सेनिक हाइड्राइड   AsH3
70. नीला कसीस कॉपर सल्फेट   CuSO4.5H2O
71. लिथोपोनजिंक सल्फाइड   ZnS
72. बेरियम सल्फेट    BaSO4
73. कैल्सियम फॉस्फेट    (Ca (H2PO4)2
74. हाइड्रो ब्रोमिक   HBr
75. लेड आक्साईड   PbO
76. लेड नाइट्राइट    PbN
77. लेड नाइट्रेट    PbNO3
78. गोल्ड    Au
79. मर्क्यूरिक आक्साईड    HgO
80. मर्क्यूरसआक्साईड    HgO2
81. क्रोमियम सल्फेट   CrSO4
82. लिथियम ब्रोमाइड    LiBr
83. लेड सल्फाइड   PlbS2
84. सल्फर  टेट्राफ्लोराइड    SF4
85. एमीन     NH2
86. फेरिक क्लोराइड    FeCI3
87. जिंक क्लोराइड    ZnCl2
88. मर्क्यूरिक क्लोराइड    HgCl2
89. फेरस सल्फेट  Fe2 (S04) 3
90. मर्क्यूरिक सल्फेट   HgS04
91. मोर लवण    [FeS04.(NH4)2S04.6H20]
92. फेरस फिटकिरी  [K2S04.Fe2 (SO4)3.24H20
93. पोटैशियम फेरोसायनाइड    (K4[Fe(CN)6]),
94. पोटैशियम अर्जेन्टो साइनाइड   (K [Ag(CN)2])
95. टेट्रा एमिनो क्यूप्रिक सल्फेट   ([Cu(NH3)4]SO4)
96. यूरिया     CH2OCH2
97. फास्फीन    PH3
98. मर्केप्टन    CH3S
99. सल्फर  (गंधक)  S
100. विटामिन A  (रेटिनाल)    C20H30O
101. विटामिन B (थायमीन) 
102. विटामिन C  (एस्कार्बिक एसिड)    C6H6O8
103. विटामिन D (कैल्सीफेराल)   C28H44O
104. विटामिन E ( टकोफेराल) C29H50.O2
105. विटामिन K (फाईलोक्विनोन)   C31H46O2

रासायन शास्त्र में लाखों रासायनिक यौगिक हैं सबको दिखा पाना मुश्किल है। यहां दिए गए यौगिको के इर्द-गिर्द में जादातर यौगिक, पढ़ाई लिखाई में प्रयुक्त होते रहते हैं।
इस प्रकार आपसब ने सीखा की रासायनिक यौगिक क्या हैं। उम्मीद है यह कन्टेन्ट आपको पसंद आया होगा।
धन्यवाद। 


FAQ

Qua. अकार्बनिक यौगिक कौन कौन से हैं?
Ans. प्रमुख अकार्बनिक यौगिक 
पानी (H2O),
द्वि-आणविक ऑक्सीजन (O2), 
कार्बन डाइऑक्साइड (CO2)
और कुछ अम्ल, क्षार और लवण हैं। अकार्बनिक यौगिक, कोई भी पदार्थ जिसमें दो या अधिक रासायनिक तत्व (आमतौर पर कार्बन के अलावा) संयुक्त होते हैं। ये हमेशा लगभग निश्चित अनुपात में होते हैं।

Qua. अकार्बनिक यौगिक कितने होते हैं?
Ans. जिन पदार्थों में कार्बन-हाइड्रोजन बंधन नहीं है वे पदार्थ अकार्बनिक रासायनिक यौगिक पदार्थ होते हैं। पृथ्वी ग्रह पर लगभग 100,000 अकार्बनिक यौगिक मौजूद हैं।

Qua. अकार्बनिक यौगिक कक्षा 12 क्या है?
Ans. एक अकार्बनिक यौगिक वह है जिसमें कोई भी पदार्थ है जिसमें दो या दो से अधिक रासायनिक तत्व (आमतौर पर कार्बन के अलावा) निश्चित अनुपात में संयुक्त होते हैं।यदि कार्बन रंगहीन हाइड्रोजन से बंधा होता है, तो यौगिक कार्बनिक के रूप में जाना जाता है।

Qua. 4 अकार्बनिक पदार्थ क्या हैं?
Ans. सामान्य तौर पर, अकार्बनिक यौगिक प्रकार के चार समूह होते हैं। वे क्षार, अम्ल, लवण और जल में विभाजित हैं। ध्यान दें कि ये अकार्बनिक यौगिकों की सबसे विस्तृत श्रेणियां हैं।

Qua. अकार्बनिक के जनक कौन है?
Ans. वर्नर अकार्बनिक रसायन विज्ञान के जनक हैं। 
फ्रेडरिक वोह्लर कार्बनिक रसायन विज्ञान के जनक हैं।

Mar 24, 2023

Carbon Ki Sanyojakta Kitni Hoti Hai|| र्काबन और कार्बनिक यौगिक

दोस्तो दुनियाभर में आधिकान्स चीजे ऐसी हैं जिनमें काफी मात्रा में कार्बन पाया जाता है। भूपर्पपट्टी और वायुमंडल में मुक्त अवस्था में यह बहुत कम मात्रा में पाया जाता है। यह यौगिक के रूप में बहुतायत मात्रा में पाए जाने वालो में सबसे खास है। पृथ्वी पर आर्टिफिशल ऊर्जा का सबसे बड़ा भंडार कार्बन, और कार्बनिक यौगिक ही हैं। पेट्रोल, डीजल, केरोसिन, LPG, CNG, ALCOHOL, कोयला, हीरा आदि इसी के कारण पाए जाते हैं। इनके अतिरिक्त पेड पौधे, कृषि उत्पाद, जीव जन्तु, मानव शरीर और तमाम अपशिष्ट में यह प्रचुर मात्रा में यह प्राकृति में मौजूद है। अतः यहा कार्बन एवं कार्बनिक यौगिक के बारे कुछ महत्वपूर्ण जानकारी दी जा रही है। जैसे Carbon Ki Sanyojakta Kitni Hoti Hai. कार्बन के यौगिक कौन कौन से हैं। यह क्लास और प्रतियोगिता इक्जाम्स के लिए भी बहुत उपयोगी है।

Carbon Ki Sanyojakta Kitni Hoti Hai




कार्बन (CORBON):

प्रकृति में सर्वाधिक चेन बनाने वाला तत्व है। कार्बन की मात्रा भूपर्पटी पर मात्र 0.2% तथा वायुमंडल में मात्र 0.3% है। 

कार्बन एक ऐसा तत्व है जो सभी जीवों में पाया जाता है। 
कोयला, पेट्रोल तथा पेट्रोलियम उत्पाद, पेट्रोल, डीजल आदि कार्बन से बने हैं। 

1. कार्बन का संकेत = C

2. कार्बन की परमाणु संख्या = 6


महत्वपूर्ण तथ्य :

1. कार्बन का संकेत = C

2. कार्बन की परमाणु संख्या = 6

3. कार्बन का इलेक्ट्रोनिक विन्यास = 2, 4

Carbon Ki Sanyojakta Kitni Hoti Hai

4. कार्बन के संयोजी कच्चा में 4 इलेक्ट्रॉन होते हैं इसलिए इसकी संयोजकता भी 4 होती है।

5. कार्बन का एटामिक वेट = 12

6. कार्बन की प्रकृति = अधातु 

प्राप्ति स्थान-

भूगर्भीय भाग, धरातल, पेड पौधे, जीव जगत, अपशिष्ट पदार्थ, खनिज पदार्थ, कच्चा तेल, कोयला आदि से यह प्राप्त किया जाता है।

कार्बनिक चैन बनाने का गुण-

क्योंकि कार्बन की संयोजकता 4 होती है इसलिए यह एक साथ एक प्रकार के तत्व या अलग अलग चार प्रकार के तत्वों के चार परमाणुओं के साथ अभिक्रिया कर यौगिक बना सकता है।
इसीलिए इसकी सबसे लम्बी चैन होती है।

 कार्बन के यौगिक (CHEMICAL COMPOUNDS):


1. मेथेन    CH4
2. एथेन    C2H6
3. एथिलीन   C2H4
4. ऐसीटिलीन   C2H2
5. बेंजीन   C6H6
6  फारमिक अम्ल   HCOOH  (चीटियों से प्राप्त एसिड)
7. एसिटिक अम्ल  (सिरका)   CH₃COOH
8. सल्फ्यूरिक अमल    H₂SO₄O
9. ऑक्जेलिक अम्ल    C₂H₂O₄
10. हाइड्रोक्लोरिक अम्ल HCl
11. टार्टरिक अम्ल    C₄H₆O₆
12. लैक्टिक अम्ल    C₃H₆O₃
13. नाइट्रिक अम्ल     HNO₃
14. फॉर्मिक अम्ल    CH₂O₂
15. फास्फोरिक अम्ल    H₃O₄P
16. यूरिक अम्ल    C5H₄N₄O₃
17. कार्बनिक अम्ल     H₂CO₃
18. नाइट्रस अम्ल   HNO₂
19. फास्फोरस अम्ल   H₃PO₃
20. एसीटेट अम्ल    C₂H₃O₂
21. हाइड्रोब्रॉमिकअम्ल   HBr
22. सिट्रिक एसिड    C6H8O7
23.  मंड (स्टार्च)   C6H10.O5
24.  ग्लूकोज (अंगूर का रस) C6H12O6
25. एलुमिनियम आक्साईड    Al2O32SiO2.2H2O
26. बेरियम सल्फेट   BaSO4
27. प्रोड्यूसर गैस  (कार्बन मोनोक्साइड और नाइट्रोजन गैस का मिश्रण)   CO+N2
28. कार्बोलिक अम्ल (फिनॉल)    C6H5OH
29. मिथिल ऐल्कोहॉल (वुड स्पिरिट)  CH3OH
30. एथिल ऐल्कोहॉल   C2H5OH  (शराब)
31. टी.एन.बी. (ट्राइ नाइट्रो बेंजीन)   C6H3(NO2)3
32. टी.एन.टी. (ट्राइ नाइट्रो टॉल्वीन)  C6H3(NO2)3
33. फार्मेलीन (फार्मेल्डिहाइड का विलयन)   HCHO
34. फ्रेयान डाइक्लोरोडाइफ्लोरो कार्बन   CF2Cl2
35. क्लोरोफॉर्म (ट्राइ क्लोरो मिथेन )   CHCl3
36. आयडोफॉर्म (ट्राइआयडो मिथेन)    CHI3
37. पायरीन कार्बन (टेट्रा क्लोराइड)   CCI4
38. प्रोपेन   C3H8
39. ब्युटेन   C4H10
40. पेंटेन   C5H12
41. हेक्सेन   C6H14
42. सेप्टेन   C7H16
43. आक्टेन   C8H18
44. नोनेन    C9H20
45. बेंजमिन अम्ल    C6H5COOH
46. एनीलीन    C6H5NH2
47. टाल्यूईन    C6H5NH2
48. सुक्रोस (चीनी)   C12H22O11
49. ग्लूकोज (फ्रक्टोज)   C6H12O6
50. एथिल साइनाइड  C2H5CN
51. फीनोल (फिनॉइल)   C6H5OH
52. एथिल ग्लाइकोल   C2H4(OH)2
53. कार्बन डाइऑक्साइड   CO2
54. पेट्रोल  C6 - C2  तक के संतृप्त हाइड्रोकार्बन
55. डीजल  C15 - C18 तक के संतृप्त हाइड्रोकार्बन
56. केरोसिन  C11 - C15 तक के संतृप्त हाइड्रोकार्बन
57. नेफ्थालीन   C10H8
58. चारकोल    C7H4O
59. LPG गैस  प्रोपेन,  ब्युटेन,  आइसो ब्यूटेन
60. CNG गैस   80%  मेथेन
61. गुण    (सुक्रोस + आयरन + कार्बोहाइड्रेट)
62. कार्बन टेट्रा क्लोराइड   CCl4
63. आयडोफॉर्म   CHI3
64. एथिल एमीन   CH3NH2
65. मेथिल साइनाइड   CH3CN
66. फार्मेल्डिहाइड   HCHO
67. एसिटेल्डिहाइड    CH3CHO
68. एल्डिहाइड   CHO (किसी भी प्रकार का अच्छा टेस्ट)
69. डाईमेथिल कीटोन   CH3COCH3
70. लकड़ी    C एवं Ca, Mg के यौगिक
71. वसा (FAT)   C18H34O2,   C55H104O6
72. हीरा   C4,    C6
73. ग्रेफाईट   C32...
74. बकमिन्सटर फुलरिन  C60


इस प्रकार आपसब ने कार्बनिक रसायन के कार्बन तत्व और इसके कुछ यौगिको के बारे मेें सीखा। यहाँ दी हुई यौगिकों में  से क्लास व प्रतियोगितात्मक इक्जाम्स में बहुत  से प्रश्न आते हैं, इसलिए इनका ध्यान पूर्वक अध्ययन करें। उम्मीद है यह आपको पसंद आया होगा। यदि पसंद आए तो अन्य विद्यार्थीगण के साथ भी शेयर करें।

धन्यवाद। 

FAQ

Qua. फॉर्मिक अम्ल का प्रयोग होता है ?
Ans. इसका उपयोग रबड़ जमाने, रँगाई, चमड़ा कमाई तथा कार्बनिक संश्लेषण में होता है

Qua. कार्बनिक यौगिक कितने होते हैं?
Ans. कार्बन के रासायनिक यौगिकों को कार्बनिक यौगिक (organic compounds) कहते हैं। प्रकृति में इनकी संख्या 10 लाख से भी अधिक है।

Qua. कार्बनिक यौगिक का सूत्र क्या होता है?
Ans. कार्बनिक यौगिक का मूलानुपाती सूत्र C2H3O2 है।

Qua. कार्बनिक यौगिक तत्व क्या है?
Ans. कार्बनिक यौगिक कार्बन युक्त यौगिक होते हैं जो सभी जीवित जीवों में पाए जाते हैं। यह सभी जैविक जीवों का मुख्य घटक है। इसे DNA श्रृंखला और कार्बोहाइड्रेट में देखा जा सकता है। कार्बनिक यौगिकों में हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, कार्बन और उनके व्युत्पन्न होते हैं।



Mar 21, 2023

Unit conversion table || Mass and Liquid in hindi

इन पैमानों से दैनिक जीवन में और एडवांस स्तर पर किसी भी प्रकार के वजन /तौल माप निकाल सकते हैं। इसमे द्रव्य के द्रव्यमान, द्रव के तौल के मीजरमेट कर सकते हैं। ये निम्न प्रकार हैं। अतः आज आपसब को Unit conversion table (Measurs of Mass) के बारे मेें डिटेल मेें जानकारी दी जा रही है इसे ध्यान पूर्ण अध्ययन करें और अपने दोस्तों के साथ भी सेयर करें। यह पाठ्यक्रम और प्रतियोगिता दोनो के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

Unit conversion table


द्रव्यमान के पैमाने (Measurs of Mass / Weight):

ये पैमाने पता रहने पर हम द्रव्यमान और द्रव्यमान के नाप तौल को आसानी से आकूपाई कर सकते हैं।
इनके प्रयोग से अनेक कठिनाईयो को समाप्त किया जा सकता है। ये पैमाने निम्न प्रकार हैं।


1 ratti = 0.91 carat
1 ratti = 182.25 mg
1 gm = 5.49 ratti
1 gm = 5 carat
1 gm = 1000 mg
1 gm = 15.432 grain
1 carat = 0.2 gm
1 carat = 100 cent  ( in dimond)
1 cent = 2 mg
1 grain = 0.05 scruple
1 grain = 0.017 dram
1 grain = 0.00208 ounce
1 gm = 0.353 ounce
1 ounce = 28.35 gm
1 gram = 0.036 ounce
1 pound = 16 ounce
1 pound = 0.453 gm
1 kg = 2.205 pound
250 gm = 1 powu
1 kg = 4 powu

1.25 kg = 1 sher
2.5 kg = 1 paseri
5 kg = 1 dhara
20 kg = 1 man
100 kg = 1 quntal
10 q = 1 ton
1 st = 0.90 mt
1 mt = 1.12 st (sort ton)
1 lt = 1.02 mt (long ton)



Liquid Volume

1 ml = 1gm
1 ml = 1000 mg
1 l  = 1000 ml
0.1 kg = 100 ml
1 kg = 1 l
1 tsp = 4.2 gm
1 tsp = 4.2 ml
1 tsp = 5 ml
1 ml = 0.033 for (fluid ounce)
1 tsbp = 15 ml
1 l = 2.1 pints
1 l = 1000 cm³
1 fo = 30 ml
1 liter = 1.05 quarts
1 l = 0.264178 gallon
1 gallon = 3.78 l
1 gl = 231 inch³
1 m³ = 1000 l
1 cup = 0.24 l
1 pint = 0.47 l
1 m³ = 1.309 y³
1 ft³ = 0.028 m³
1 y³ = 0.76 m³




महत्वपूर्ण शब्द विस्तार-

Carat - भार की सबसे छोटी ईकाई। 
Ratti -  भार की दूसरी सबसे छोटी ईकाई। 
Mg - Miligram
Ml - Mili liter
Gm - Gram
Tsp - Tea spoon 
Tsbp - Table spoon 
Gl - Gallon
Ft³ - घन फुट
m³ - घन मीटर 
y³ - घन यार्ड 


निश्कर्ष:

इस प्रकार आपसब जान चुके होंगे कि Unit conversion table क्या है? इसमे द्रव्यमान और द्रव के माप तौल कैसे किए जाते हैं।  असल जिंदगी में  इनके मायने क्या हैं और यह दैनिक जीवन में कितना उपयोगी है। इन पैमानों का प्रयोग कर आप एडवांस लेबल के प्रश्न हल कर सकते हैं।
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धन्यवाद। 


FAQ

Qua. कौन सा सेंट का हीरा सबसे अच्छा होता है?
Ans. 1.00 कैरेट
यह सबसे लोकप्रिय वजन है। हीरों की कीमतों में 1.00 सीटी की वृद्धि हुई है। गोल हीरों के लिए कीमतों में उछाल विशेष रूप से अधिक है। इस वजन पर, आप फैंसी आकार चुनकर सबसे अधिक बचत प्राप्त कर सखते हैं।


Qua. कौन सा रंग का हीरा सबसे अच्छा होता है?
Ans. सफेद हीरों में डी रंग के हीरे सबसे ऊंचे दर्जे के होते हैं । डी रंग के हीरे ई रंग के हीरे और एफ रंग के हीरे के साथ हीरे के रंग के पैमाने पर "रंगहीन" श्रेणी में हैं। फैंसी रंग के हीरे जैसे पीले या गुलाबी हीरे का अपना रंग ग्रेड होता है महत्वपूर्ण तथ्य है।


Qua. 1 मिली 1 ग्राम के बराबर होता है?
Ans. अगर आप शुद्ध पानी की बात कर रहे हैं, तो 1ml 1g के बराबर है। यह केवल शुद्ध पानी पर लागू होता है। अन्य तरल पदार्थों में अन्य घनत्व होते हैं।

Mar 19, 2023

Unit conversion table || Maths, Physics

इन पैमानों से दैनिक जीवन में और एडवांस स्तर पर किसी भी प्रकार की लंबाई और क्षेत्रफल निकाल सकते हैं। ये निम्न प्रकार हैं। अतः आज आपसब को Unit conversion table के बारे मेें डिटेल मेें जानकारी दी जा रही है इसे ध्यान पूर्ण अध्ययन करें और दोस्तों के साथ भी सेयर करें। यह पाठ्यक्रम और प्रतियोगिता दोनो के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
Unit conversion table


लंबाई और क्षेत्रफल के पैमाने (Measurs of Length and Area):

1 lattha = 99 inch
1 lathha = 8.3 feet.
1 bigha = 20 viswa
1 bigha 1350 m²
1 m² = 10.76 ft²
1 ft² = 144 inch²
1 inch² = 6.45 cm²
1 ft² = 929.03 cm²
1 bigha = 1615.51 gj²
1 m² = 1.207 gj²
1 gj² =0. 828 m²
1 gj = 2.99 ft
1 gj² = 8.91 ft²
1 gj = 0.91 m
22 gz =8 lathha
1 gz =36 inch
1 yard = 3 ft
1 yard = 36 inch
1 biswa = 20 dhur
1 dhur = 16.93 m²
1 dhur = 182.25 ft²
1 dhur = 20 dhurki
1 biswa = 1 kathha (bihar)
1 inch²= 645.16 mm²
1 inch³ = 16387.064 mm³
1 ft³ = 1728 inch³
1 cm³ = 1000 mm³
1 inch = 25.4 mm
1 cm = 10 mm
1 acare =1.61 bigha
1 hectare = 3.95 bigha
1 bigha = 0.25 hectare
1 bigha = 0.619 acre
1 hectare = 2.47 acre
1 m³ = 35.31 ft³
1000 m = 1 km
100 m = 10 dm
10 mm = 1 cm
1 cm² = 100 cm²
1 inch = 2.540 cm
1 mm = 0.03937 inch
1 ft = 30.4878 cm
1 ft = 12 inch
6 inch = 15 cm

1 cm= 0.3937 inch
1 yard = 0.914 m
1 m = 3.281 ft
1 mile = 1.609 km
1 km = 0.621 mile
1 cm² = 0.1550 inch²
1 ft² = 0.0929 m²
1 m² = 1.19 yard²


Read more  साधारण ब्याज का सूत्र
                       द्रव्यमान के पैमाने, Measurs of Mass

Abribiyetion 
cm = centimeter
mm = milliliters 
Ft = Foot
m = meter
km = killometer 



इस प्रकार आपसब जान चुके होंगे कि Unit conversion table क्या है? इसके मायने क्या हैं और यह दैनिक जीवन में कितना उपयोगी है। इन पैमानों का प्रयोग कर आप एडवांस लेबल के प्रश्न हल कर सकते हैं।
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Mar 15, 2023

Acids, Bases and Salts|| अम्ल, छार,लवण



दोस्तों इस ब्लॉग पर स्वागत है आपसब का। हम सब क्लास 10 के साइंस के Acids, Bases and Salts चैप्टर का पार्टवाइज अध्ययन कर रहे हैं। इस कडी में प्रस्तुत है आज लवण(Salts) का अध्ययन। इसमें आपसब साल्ट के प्रकार, साल्ट की फैमिली, साल्ट का उपयोग आदि के बारे में डिटेल में स्टडी करेंगे। तो आइए सुरू करते हैं आज का लेसन।

Acids, Bases and Salts

लवण(Salts)

"अम्ल और क्षारक की (Nutral reaction) उदासीनीकरण अभिक्रिया से बने Solid ionic पदार्थ को लवण कहते हैं।"
Ex.
जब अम्ल और क्षारक का रिएक्शन होता है तो इस क्रिया में लवण के साथ जल(H2O) का निर्माण भी होता है।
रि. अम्ल + क्षार = लवण + जल
NaOH + HCl  NaCl + H2O
यहां NaOH एक क्षार है तथा  HCl एक अम्ल है। NaCl नमक है H2O जल है। NaCl ही साधारण नमक है।इसका स्वाद नमकीन होता है।

लवणों का परिवार Family of Salts:
समान धनात्मक या ऋणात्मक मूलक वाले लवण समान परिवार के होते हैं । 
Ex.
NaCl तथा NaSO, NaNO3, NaCO3 आदि सोडियम परिवार के लवण हैं
क्योंकि Na सभी में मौजूद है।

इसी तरह NaCl, KCI, Mgcl, आदि क्लोराइड लवण परिवार के हैं।

लवणों के गुण (Properties of salts):

लवणों के गुण निम्नलिखित हैं-

1.आयनिक यौगिक होने के कारण गलित तथा जलीय अवस्था में इनमें विद्युत प्रवाह होता है।
2. लवण जल में घुलनशील होते हैं।
3. ये कठोर होते हैं।
4. इनका रंग सफेद, भूरा, नीला, ग्रे आदि होता है।
5. इनका स्वाद नमकीन और कसैला होता है।
6. ये भंगुर होते हैं।
7. प्रकृति अवस्था में लवण अवाष्पशील होते हैं।
8. लवण क्रिस्टलीय ठोस होते हैं।
9. लवणों का गलनाक(Melting Point) 801°C (1474 °F)  होता है।
10. इनमें 520 जूल/ग्राम की संलयन ऊष्मा होती है।
11. लवण, क्वथनांक तापमान को बढ़ाता है।
12. लवण का क्वथनाक 100.04 °C होता है।

प्राप्ति स्थान (Sources):
1. समुद्र में।
2. भूपर्पपट्टी में।
3. रासायनिक यौगिक में।
4. प्राकृतिक मुक्त अवस्था में।
5. चट्टानों में।

लवणों के उपयोग (Uses of Salts):
1. इससे अनेक प्रकार के रासायनिक यौगिक बनाए जाते हैं।
2. इनका स्वाद नमकीन होता है।
3. ये जल में विलेय होते हैं।
4. इनमें अम्ल और क्षार दोनों योगिक आते हैं।
5. ये विरंजक चूर्ण बनाने में खूब लोकप्रिय हैं।
6. जिप्सम बनाने के लिए इसका प्रयोग होता है।
7. खाने में।
8. खाने का सोडा वाने में।
9. प्लास्टर ऑफ पेरिस बनानें में।
10. आयुर्वेद में।
11. कृषि कार्य में।
इस प्रकार लवण हमारे जीवन में अनेक तरह से प्रयुक्त होते हैं। इनके अनेकानेक उपयोग एवं प्रकारों का अध्ययन निम्नवत है।

लवण के प्रकार:

सामान्य नमक (Normal Salt) : अम्ल परमाणु के धात्विक तत्वो द्वारा हाइड्रोजन परमाणुओं के पूर्ण रूप से प्रतिस्थापित होने से साधारण नमक बनते हैं।
Re. NaOH + HCl  NaCl + H2O
Ex. KCl, NaCl, FeSO4, Na2SO4, FeCl2 आदि सामान्य लवण  हैं।
सामान्य लवण के परमाणु में प्रतिस्थापित योग्य H- अणु शामिल नहीं होते हैं।

लवणों के विभिन्न प्रकार निम्नवत हैं-

1. अम्लीय लवण (Acidic Salt): प्रबल अम्ल और कमजोर क्षार के उदासीनीकरण से निर्मित लवण को अम्लीय लवण कहा जाता है।
इसका जलीय घोल नीले लिटमस को लाल कर देता है।
Ex.
FeCI3, ZnCl2, HgCl2, Fe2 (S04) 3, HgS04, NH4Cl, CuSO4 आदि अम्लीय लवण हैं।

2. क्षारीय लवण (Basic Salt): वे लवण जो अपने परमाणु में 02- अथवा OH- समूह रखते है वे क्षारीय लवण कहलाते हैं।
Re. NH4OH + HCl → NH4Cl + H2O
Ex.
Mg (OH) Cl, [Mg(OH) 2। MgC03], [Cu (OH) 2.CuCO3) आदि क्षारीय लवण होते हैं

3. क्षारक लवण (Alkaline Salt: वे लवण जो दुर्बल अम्ल और प्रबल क्षार के उदासीनीकरण द्वारा निर्मित होते है उन्हें क्षारक लवण कहते हैं।
Re. 2NaOH + H2CO3  Na2CO+ 2H2O

इनका जलीय घोल लाल लिटमस को नीला कर देता है।Ex.  Na2CO3, CH3COONa, Na2C2O4, Na2B4O7.10 H2O आदि क्षारक लवण हैं।



4. उदासीन लवण (Neutral Salt): प्रबल अम्ल  और प्रबल क्षार के उदासीनीकरण द्वारा बने लवण उदासीन लवण कहलाते हैं।
Re. NaOH + HCl  NaCl + H2O
इनका जलीय घोल लिटमस के लिए उदासीन होता है। Ex.
NaCl, KCl, K2S04, NaN03, KCl03, KClO4 आदि क्षारक लवण हैं।

5. द्विक लवण (Double Salt) : दो प्रकार के लवणो से मिलकर बने यौगिक को द्विक लवण कहते हैं।
Ex.
पोटाश फिटकिरी [K2S04. Al2(S04)3.24H20],
मोर लवण [FeS04.(NH4)2S04.6H20],
फेरस फिटकिरी [K2S04.Fe2 (SO4)3.24H20]
ये सभी द्विक लवण हैं।
ये जल में विघटित होने पर धातु आयनों के दो प्रकार देते हैं।

6. जटिल लवण (Complex Salt): वे लवण जो एक जटिल आयन या जटिल उदासीन अणु लेते है जिसमें एक केंद्रीय धातु आयन, उदासीन अणुओं या नकारात्मक आयनों की संख्या द्वारा घिरा रहता है।
Ex.
पोटैशियम फेरोसायनाइड  (K4[Fe(CN)6]),
पोटैशियम अर्जेन्टो साइनाइड (K [Ag(CN)2])
टेट्रा एमिनो क्यूप्रिक सल्फेट  ([Cu(NH3)4]SO4)

ये सभी जटिल लवण हैं। 

साधारण नमक का यौगिक (Compounds of simple Salt): 

साधारण नमक के Compounds हाड्रोक्लोरिक एसिड तथा सोडियम हैड्रॉक्साइड है। इनके संयोंग से साधारण नमक बनता है
इसे हम खाते हैं अतः इसे  खाने का नमक भी कहते हैं। इसका रासायनिक नाम सोडियम क्लोराइड NaCl है।

1. कास्टिक सोडा (caustic soda):
सोडियम क्लोराइड के जलीय विलयन में विद्युत प्रभाव उत्पन्न करने पर यह टूटकर सोडियम हैड्रॉक्साइड प्रोड्यूस करता है।

कास्टिक सोडा के उपयोग (Uses of Caustic soda):
कास्टिक सोडा के निम्नलिखित उपयोग है।
1. इसका प्रयोग साबुनों तथा अपमार्जको को बनाने में होता है ।
2. पेपर उद्दोग में कागज़ निर्माण कार्य में।
3. लेदर कारखानों में लेदर की साफ-सफाई आदि में।
4.विरंजक के लिए।

2. विरंजक चूर्ण (Bleaching Powder):
यह कास्टिक सोडा का ही यौगिक होता है। इसका रासायनिक नाम- 'कैल्शियम क्लोरो हाइपोक्लोराइट' होता है।
औद्योगिकरण में इसे ब्लीचिंग पाउडर के नाम से जाना जाता है।

निर्माण (Formation):
शुष्क बुझा हुआ चूना पर क्लोरीन की क्रिया  से विरंजक चूर्ण का उत्पादन होता है।
Re. CaO + 2Cl = CaOCl2

अणु सूत्र- CaOCl2 
अणु भार-127

इसके और नाम भी हैं जैसे-
क्लोराईट ऑफ लाइम.
क्लोरोनेटेड लाइम.

उपयोग
1. विरंजक चूर्ण का प्रयोग विभिन्न पदार्थों का रंग उड़ाने (विरंजन) में होता है।
2. ऑक्सीकारक के रूप में तथा चीनी को सफेद करने में।
3. जल के शुद्धिकरण में। 
4.जीवाणुनाशक के रूप में।
5. क्लोरोफॉर्म के निर्माण में, ऐल्कोहॉल या ऐसीटोन के साथ जल की उपस्थिति में, क्रिया द्वार।
6. ऊन को सिकुड़ने से बचाने के लिए।

3. बेकिंग सोडा (Baking Soda):
प्रयोगशाला में अमोनिया, सोडियम क्लोराइड और जल की अभिक्रिया द्वारा बेकिंग सोडा का निर्माण किया जाता है।
NaCl + H2O + CO2 + NH3 = NH4Cl + NaHCO3
 इसका रासायनिक नाम - सोडियम बाइकार्बोनेट या सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट है।
 इसे सामान्यतः खाने का सोडा के नाम से जाना जाता है।
 
अणु सूत्र  NaHCO3 
अणु भार  84

उपयोग (Uses):
सोडियम बाइकार्बोनेट के उपयोग निम्नलिखित हैं-
1. आमाशय ( पेट ) की अम्लता को दूर करने में।
2. प्रतिअम्ल ( Antiacid ) के रूप में।
3. अग्निशामक यन्त्रों में। (इसमें मुक्त CO , अग्नि तथा वायु के मध्य अवरोध पैदा करती है जिस से आग बुझाने में सहायता मिलती है।)
4. बेकिंग पाउडर के निर्माण में। 
5. झागयुक्त पेय पदार्थों के निर्माण में
6. परिवार नियोजन गोलियों के निर्माण में।
7. कच्चे दूध को फटने से बचाने के लिए।
8. प्रयोगशाला में अभिकर्मक के रूप में।

4. धावन सोडा (washing soda)
प्रयोगशाला में यह सोडियम बाइ कार्बोनेट के पुनः क्रिस्टलीकरण से बनाया जाता है। धावन सोडा एक क्षारीय लवण है।

Re. 2NaHCO3 = Na2CO3 + CO2 + H2O
       Na2CO3 + 10H2O = Na2CO3.10H2O

रासायनिक नाम-  सोडियम कार्बोनेट डेकाहाइड्रेट
सामान्य नाम- धावन सोडा

अणु सुत्र- Na2CO3.10H2O
अणु भार-286
इसे क्रिस्टलीय सोडियम कार्बोनेट भी कहते हैं।


उपयोग (Uses):
धावन सोडा के प्रमुख उपयोग निम्नलिखित है 
1. जल की कठोरता दूर करने में। 
2. आग बुझाने वाले यन्त्रों में।
3. प्रयोगशाला अभिकर्मक के रूप में।
4. काँच के बर्तनों की चिकनाई दूर करने में।
5. काँच, कागज तथा बोरेक्स उद्योग में।
6. पेट्रोलियम शोधन तथा धातु शोधन में।
7. धातु कार्बोनेटों के निर्माण में । 
8. वस्त्र धुलाई के लिए अपमार्जक ( Detergent ) के निर्माण में।
9. बेकिंग पाउडर के निर्माण में।
10. पेन्ट, रंजक ( Dyes ) एवं सुहागा के निर्माण में।

5. प्लास्टर ऑफ पेरिस (Plaster of Paris):

प्रयोगशाला में कैल्सियम सल्फेट डाइहाइड्रेट (Gypsum) को 120°C ताप पर गर्म करके बनाया जाता है। इस क्रिया में जिप्सम का निर्जलीकरण होता है जिससे प्लास्टर ऑफ पेरिस का निर्माण होता है। 
Re.
CaSO4.2H2O गर्म = CaSO4 + 2H2O.

रासायनिक नाम- कैल्सियम सल्फेट हेमिहाइड्रेट 
सामान्य नाम - प्लास्टर ऑफ पेरिस 
अणु सूत्र -CaSO4 
अणु भार-136.134

उपयोग (Uses):
 प्लास्टर ऑफ पेरिस के उपयोग निम्नलिखित हैं 
1. टूटी हुई हड्डियों को जोड़ने व सीधा करने के लिए प्लास्टर चढ़ाने में इसका प्रयोग बहुत किया जाता है। 
2. अग्निरोधक पदार्थ के रूप में भी यह प्रयुक्त किया जाता है । 
3. इसका उपयोग दन्त चिकित्सा में किया जाता है।
4. सड़क, मार्ग पर डिवाइडर बनाने में।
5. सजावटी सामान बनाने में।
6. मूर्तियाँ व खिलौनों के निर्माण में।
7. दीवारों को चिकना बनाने (POP) में।
8. दीवारों पर डिजाइन कार्य करने में।

दोस्तो अब आप जान चुके होंगे कि लवण क्या होते हैं। इनके गुण क्या होते हैं। इस तरह आप इनके अन्य भागो को निम्न लिंक पर जाकर अवश्य पढ़।
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धन्यवाद। 

          Read more Salts का अध्ययन 

FAQ

Qua. CaOCl2 यौगिक का प्रचलित नाम क्या है?
Ans. CaOCl2 यौगिक का प्रचलित नाम विरंजक चूर्ण है।

Qua. कठोर जल को मृदु करने के लिए किस सोडियम यौगिक का उपयोग किया जाता है?
Ans. सोडियम कार्बोनेट (Na2CO) का।
          इसे धावन सोडा भी कहा जाता है।

Qua. एसिडिटी के उपचार के लिए किस औषधि का उपयोग किया जाता है?
(a) एंटीबायोटिक (प्रतिजैविक)
(b) ऐनालजेसिक (पीड़ाहारी)
(C) ऐन्टएसिड
(d) एंटीसेप्टिक (प्रतिरोधी)
Ans. (C) ऐन्टएसिड

Qua.लवण कौन से तत्व हैं?
Ans. रासायनिक रूप से, टेबल नमक में दो तत्व होते हैं, सोडियम (Na) और क्लोराइड (Cl) ।

Qua. जल की अनुपस्थिति में अम्ल का व्यवहार अम्लीय क्यों नहीं होता है?
Ans. जल की अनुपस्थिति में अम्लों से H+ आयन पृथक नहीं हो पाते हैं, इसलिए अम्ल का व्यवहार अम्लीय नहीं होता है। केवल जल की उपस्थिति में ही H+ आयन अलग हो पाते हैं तथा अम्लीय अभिलक्षण दर्शाने के लिए आयनों का बनना जरूरी होता है।

Qua. ताजे दूध के pH का मान 6 होता है। दही बन जाने पर इसके pH के मान में क्या परिवर्तन होगा?
Ans. दूध से दही बनने की प्रक्रिया में लैक्टिक अम्ल का निर्माण होता है, जिसके कारण इसका pH: 6 से कम हो जाएगा।




 

Chemistry Formulas in Hindi || रासायन शास्त्र के महत्वपूर्ण अनुलग्न

जब भिन्न भिन्न  तत्त्वों के दो या दो से अधिक परमाणु  एक निश्चित अनुपात में संयुक्त होकर जुड़ते हैं तो इस रासायनिक अभिक्रिया से एक अणु प्राप्...