Bases (क्षारक):
"वे पदार्थ , जिनका स्वाद तीक्ष्ण या कड़वा और कसैला होता है क्षारक कहलाते है।"
Ex. धावन सोडा, साबुन, सेधा नमक इत्यादि।
नोट- वे क्षारक , जो जल में घुलनशील होते हैं ,क्षार (Alkali) कहलाते हैं । अत : सभी क्षार , क्षारक होते हैं किन्तु सभी क्षारक , क्षार नहीं होते।
Ex. धावन सोडा, साबुन, सेधा नमक इत्यादि।
नोट- वे क्षारक , जो जल में घुलनशील होते हैं ,क्षार (Alkali) कहलाते हैं । अत : सभी क्षार , क्षारक होते हैं किन्तु सभी क्षारक , क्षार नहीं होते।
Physical Properties of Bases-क्षारकों के भौतिक गुण:
क्षारकों के प्रमुख भौतिक गुण निम्नलिखित हैं-
1. कुछ क्षारक जल में विलेय तथा स्वाद में तीखे और कड़वे होते हैं ।
2. अम्ल के समान क्षारक की भी प्रवृत्ति संक्षारक (Corrosive) होती है । यह प्रवृत्ति प्रबल अम्लों की तुलना में काफी कम होती है।
3. क्षारक स्पर्श करने पर चिकने फील होते हैं ।
4. क्षारक लाल लिटमस पेपर को नीला कर देते हैं।
5. इनका स्वाद कसैला भी होता है।
Base (क्षार): वे क्षारक जो जल में घुलनशील होते हैं क्षार कहलाते हैं।
1. कुछ क्षारक जल में विलेय तथा स्वाद में तीखे और कड़वे होते हैं ।
2. अम्ल के समान क्षारक की भी प्रवृत्ति संक्षारक (Corrosive) होती है । यह प्रवृत्ति प्रबल अम्लों की तुलना में काफी कम होती है।
3. क्षारक स्पर्श करने पर चिकने फील होते हैं ।
4. क्षारक लाल लिटमस पेपर को नीला कर देते हैं।
5. इनका स्वाद कसैला भी होता है।
Base (क्षार): वे क्षारक जो जल में घुलनशील होते हैं क्षार कहलाते हैं।
Sources ( प्राप्ति स्थान): वैसे सभी प्रकार के तत्व प्रकृति में, मृदा में पाए जाते हैं अतः यह भी पाया जाता है। यह फ्लो और सब्जियों में भी पाया जाता है।
Ex.खट्टेकडवे फल
आवला
नीम
हर्रे
इत्यादि।
Types of Bases ( क्षारकों के प्रकार ):
आयन के आधार पर क्षारकों को दो भागों में वर्गीकृत किया जा सकता है
1. Strong Bases (प्रबल क्षारक ):
वे क्षारक , जो जल में पूर्णत:Reaction करके हाइड्रॉक्साइड आयन (OH) देते हैं , प्रबल क्षारक कहलाते हैं ।
Ex.
KOH , NaOH , Ba ( OH )2 etc.
2. Weak Bases (दुर्बल क्षारक ):
वे क्षारक , जो जल में पूर्णत: Reaction नहीं होते हैं , दुर्बल क्षारक कहलाते हैं ।
Ex.
AI ( OH )3 , NH4OH etc.
1. Strong Bases (प्रबल क्षारक ):
वे क्षारक , जो जल में पूर्णत:Reaction करके हाइड्रॉक्साइड आयन (OH) देते हैं , प्रबल क्षारक कहलाते हैं ।
Ex.
KOH , NaOH , Ba ( OH )2 etc.
2. Weak Bases (दुर्बल क्षारक ):
वे क्षारक , जो जल में पूर्णत: Reaction नहीं होते हैं , दुर्बल क्षारक कहलाते हैं ।
Ex.
AI ( OH )3 , NH4OH etc.
Chemical Properties of Bases (क्षारकों के रासायनिक गुण):
क्षारकों के रासायनिक गुण निम्नलिखित हैं-
1. Reaction with Metal ( धातु के साथ क्रिया): प्रबल क्षारक , सक्रिय धातुओं के साथ क्रिया करके हाइड्रोजन गैस उत्पन्न करते हैं।
अतः क्षारकों को धातु पात्रों ( सक्रिय धातु ) में नहीं रखना चाहिए ।
Re. क्षारक + धातु = लवण + हाइड्रोजन गैस
1. Zn(s)+2NaOH (aq )-NaZnO (aq)+H2(g)
2. 2Al+2NaOH + 2H2O = 2NaAlO3+3H2
3. Zn + H2SO4 = ZnSO4 + H2.
- सोडियम मेटा ऐलुमिनेट को 'सोडियम ऐलुमिनेट' भी कहा जाता है ।
2. Reaction with water (क्षारकों की जल से क्रिया):
क्षारकों को जल में विलेय करने पर ये पूर्णत: आयनित होकर जलीय विलयन में हाइड्रॉक्साइड आयन ( OH ) Produce करते हैं।
यही दुर्बल क्षारक जलीय विलयन में प्रबल क्षारक की अपेक्षा कम आयनित होते हैं।
Re.
NH4OH+ H2O = NH4+ OH
3. कुछ क्षारक गर्म करने पर क्षारीय ऑक्साइड व जल में convert हो जाते हैं।
Re.
Mg( OH )2---> MgO+ H20
4. Reaction with Nonmetals (अधात्विक ऑक्साइड के साथ अभिक्रिया):
क्षारक अधातु ऑक्साइड ( अम्लीय ऑक्साइड ) के साथ क्रिया करके लवण एवं जल बनाते हैं ।
यह अभिक्रिया अधातु के ऑक्साइडों की अम्लीय प्रकृति को सिद्ध करती है ।
Re.
क्षारक + अधातु ऑक्साइड = लवण + जल
CO2 + Ca ( OH ) 2—>CaCO3+ H2O
5. क्षारक अम्लों से अभिक्रिया करके उनके प्रभाव को नष्ट कर देते हैं तथा लवण व जल ( H.O ) का निर्माण करते हैं ।
Re.
2AI( OH )3+ 3H2SO4 = Al2( SO4)3 + 6H2O
( v ) कुछ क्षारक गर्म करने पर क्षारीय ऑक्साइड व जल में विघटित हो जाते है ।
Mg( OH )2---> MgO+ H20
क्षारकों के मुख्य उपयोग(Uses of Bases):
क्षारकों के उपयोग निम्नलिखित हैं
1. अमोनियम हाइड्रॉक्साइड ( NHOH ) का प्रयोग निर्मलीकारक तथा अमोनिया लवण बनाने में होता है ।
2. ऐलुमिनियम हाइड्रॉक्साइड AI(OH)3 का प्रयोग वस्त्र तथा प्रतिअम्ल ( Antacid ) बनाने में किया जाता है।
3. कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड ( CaOH ) का प्रयोग चमड़ा उद्योगों , खारे जल को मृदु बनाने, ब्लीचिंग पाउडर बनाने, आदि में किया जाता है।
4. सोडियम हाइड्रॉक्साइड ( NaOH ) का प्रयोग साबुन के निर्माण में, रेयॉन के निर्माण में तथा कागज व लुगदी के निर्माण कार्य में होता है।
1. अमोनियम हाइड्रॉक्साइड ( NHOH ) का प्रयोग निर्मलीकारक तथा अमोनिया लवण बनाने में होता है ।
2. ऐलुमिनियम हाइड्रॉक्साइड AI(OH)3 का प्रयोग वस्त्र तथा प्रतिअम्ल ( Antacid ) बनाने में किया जाता है।
3. कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड ( CaOH ) का प्रयोग चमड़ा उद्योगों , खारे जल को मृदु बनाने, ब्लीचिंग पाउडर बनाने, आदि में किया जाता है।
4. सोडियम हाइड्रॉक्साइड ( NaOH ) का प्रयोग साबुन के निर्माण में, रेयॉन के निर्माण में तथा कागज व लुगदी के निर्माण कार्य में होता है।
Some facts of acids and bases
(अम्ल और छारको के कुछ तथ्य):
1. टूथपेस्ट हल्का क्षारकीय होता है इस कारण यह दाँतों के चारों ओर अम्ल के अधिकता को न्यूट्रलाईज कर देता है।
2. मधुमक्खी के काटने पर मेथेनोइक अम्ल ( फॉर्मिक एसिड) डिस्चार्ज होता है जिससे दर्द व जलन का अनुभव होता है । इसे शान्त करने के लिए डंक लगे स्थान पर दुर्बल क्षारक जैसे - बेकिंग सोडा (NaHCO3) लगाने पर उस क्षेत्र में आराम लगता है।
3. चींटी के काटने पर भी मेथेनोइक अम्ल निकलता है।
2. मधुमक्खी के काटने पर मेथेनोइक अम्ल ( फॉर्मिक एसिड) डिस्चार्ज होता है जिससे दर्द व जलन का अनुभव होता है । इसे शान्त करने के लिए डंक लगे स्थान पर दुर्बल क्षारक जैसे - बेकिंग सोडा (NaHCO3) लगाने पर उस क्षेत्र में आराम लगता है।
3. चींटी के काटने पर भी मेथेनोइक अम्ल निकलता है।
इसलिए सेम मधुमक्खी वाली प्रोसेस करते हैं।
अम्ल तथा क्षारक के बीच अभिक्रिया Reactions Between Acids and Bases:
अम्ल तथा क्षारकों की बीच निम्न प्रकार अभिक्रियाएँ होती हैं
1. अम्ल, क्षार या धातु ऑक्साइडों से क्रिया करके उनके प्रभाव को नष्ट कर देते हैं तथा लवण व जल का निर्माण करते हैं ।
लवण व जल बनने की यह अभिक्रिया उदासीनीकरण अभिक्रिया ( Neutralization reaction ) कहलाती है ।
Re. HCI + NaOH = NaCl + H2O
2. प्रबल अम्ल को जल में विलेय करने पर अत्यधिक ऊष्मा उत्सर्जित होती है ।
3. सदैव अम्ल को धीरे - धीरे जल में मिलाना चाहिए।
4. जल को अम्ल में नहीं मिलाना चाहिए क्योंकि यह अभिक्रिया अत्यधिक ऊष्मा उत्पन्न करती है। आपको हानि हो सकती है।
5. पुराने समय में 'रेह' नामक क्षारक जमीन पर बहुतायत में पाया जाता था। इससे धोबी कपड़े धुलते थे।
6. क्षारक जमीन की उर्वरता शक्ति नष्ट कर देते हैं।
7. क्षारक अपने जलीय विलयन में मुक्त आयनों के कारण वैद्युत प्रवाह करते हैं।
8. सभी क्षारक जल में विलेय नहीं होते हैं।
9. केवल जल में विलेय क्षारकों को क्षार कहा जाता है।
1. अम्ल, क्षार या धातु ऑक्साइडों से क्रिया करके उनके प्रभाव को नष्ट कर देते हैं तथा लवण व जल का निर्माण करते हैं ।
लवण व जल बनने की यह अभिक्रिया उदासीनीकरण अभिक्रिया ( Neutralization reaction ) कहलाती है ।
Re. HCI + NaOH = NaCl + H2O
2. प्रबल अम्ल को जल में विलेय करने पर अत्यधिक ऊष्मा उत्सर्जित होती है ।
3. सदैव अम्ल को धीरे - धीरे जल में मिलाना चाहिए।
4. जल को अम्ल में नहीं मिलाना चाहिए क्योंकि यह अभिक्रिया अत्यधिक ऊष्मा उत्पन्न करती है। आपको हानि हो सकती है।
5. पुराने समय में 'रेह' नामक क्षारक जमीन पर बहुतायत में पाया जाता था। इससे धोबी कपड़े धुलते थे।
6. क्षारक जमीन की उर्वरता शक्ति नष्ट कर देते हैं।
7. क्षारक अपने जलीय विलयन में मुक्त आयनों के कारण वैद्युत प्रवाह करते हैं।
8. सभी क्षारक जल में विलेय नहीं होते हैं।
9. केवल जल में विलेय क्षारकों को क्षार कहा जाता है।
अम्ल या क्षारक पर तनुता का प्रभाव (Effect of Dilution on an Acid or Base):
अम्ल या क्षार को जल में मिलाना तनुकरण ( Dilution ) कहलाता है।
इसे जल से भिगोना भी कह सकते हैं?
जल मिक्स करने के फलस्वरूप प्रति इकाई आयतन में ( H3O+/OH-) आयनों की सान्द्रता में कमी हो जाती है जिसे तनुता कहा जाता है।
[विशेष] अम्ल तथा क्षारक दोनों ही जलीय विलयन में मुक्त आयनों की उपस्थिति के कारण विद्युत धारा का चालन करते हैं।
इस प्रकार आपसब सरलता से बेसेस के बारे मे काफी-कुछ जान गए होंगे अतः उम्मीद है आपलोग को यह लेख पसन्द आया होगा । जैसा कि मैने बताया था Acid, Bases and Salts के तीन पार्ट है तो नीचे दिए गए लिंक पर जाकर इनके अन्य भाग अवश्य पढे।
इसे जल से भिगोना भी कह सकते हैं?
जल मिक्स करने के फलस्वरूप प्रति इकाई आयतन में ( H3O+/OH-) आयनों की सान्द्रता में कमी हो जाती है जिसे तनुता कहा जाता है।
[विशेष] अम्ल तथा क्षारक दोनों ही जलीय विलयन में मुक्त आयनों की उपस्थिति के कारण विद्युत धारा का चालन करते हैं।
इस प्रकार आपसब सरलता से बेसेस के बारे मे काफी-कुछ जान गए होंगे अतः उम्मीद है आपलोग को यह लेख पसन्द आया होगा । जैसा कि मैने बताया था Acid, Bases and Salts के तीन पार्ट है तो नीचे दिए गए लिंक पर जाकर इनके अन्य भाग अवश्य पढे।
धन्यवाद।
अवश्य पढ़े- अम्ल (Acids) Types and Properties
FAQ.
Qua. Base कितने प्रकार के होते हैं?
Ans. क्षारको के प्रकार (types of bases):
क्षार दो प्रकार के होते है। प्रबल क्षारक । दुर्बल क्षारक।
Qua. सबसे प्रबल छार कौन सा होता है?
Ans. प्रबल क्षार: जब यह पानी में घुल जाता है तो OH- की सांद्रता अधिक होती है।
Qua. क्षार के उदाहरण क्या है?
Ans. वैसे तो बेसेस के अनेक उदाहरण है जिनमें कुछ निम्न हैं।
कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड, पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड, लिथियम हाइड्रॉक्साइड, सोडियम हाइड्रॉक्साइड etc.
Qua. क्षार का जलीय घोल कैसा होता है?
Ans. क्षार का जलीय घोल छूने में साबुन की तरह होता है। अमोनिया अधातु (non-metal) का एक लवण (hydride salt) है, परंतु यह एक क्षार है। क्षार स्वाद में तीखा (Bitter) होता है।
Qua. Base कितने प्रकार के होते हैं?
Ans. क्षारको के प्रकार (types of bases):
क्षार दो प्रकार के होते है। प्रबल क्षारक । दुर्बल क्षारक।
Qua. सबसे प्रबल छार कौन सा होता है?
Ans. प्रबल क्षार: जब यह पानी में घुल जाता है तो OH- की सांद्रता अधिक होती है।
Qua. क्षार के उदाहरण क्या है?
Ans. वैसे तो बेसेस के अनेक उदाहरण है जिनमें कुछ निम्न हैं।
कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड, पोटैशियम हाइड्रॉक्साइड, लिथियम हाइड्रॉक्साइड, सोडियम हाइड्रॉक्साइड etc.
Qua. क्षार का जलीय घोल कैसा होता है?
Ans. क्षार का जलीय घोल छूने में साबुन की तरह होता है। अमोनिया अधातु (non-metal) का एक लवण (hydride salt) है, परंतु यह एक क्षार है। क्षार स्वाद में तीखा (Bitter) होता है।

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