May 1, 2023

PH Scale in hindi

किसी भी रसायन के लिए pH वैल्यू बहुत महत्वपूर्ण है। दैनिक जीवन में भी यह बहुत लाभदायक है। उद्योगों मे बहुतायत रूप से इसका प्रयोग होता है। जल मे घुलनशील अनिष्ट पदार्थों का पता इसी से लगाया जाता है। इसकी महत्ता को देखते हुए आज आपसब को pH वैल्यू के बारे मेें डिटेल से बताया जा रहा है।
PH Scale in hindi

पी एच पैमाना (PH Scale):


किसी विलयन में उपस्थित हाईड्रोजन आयन की सांद्रता जानने के लिए एक स्केल का निर्माण किया गया जिसे pH स्केल कहा जाता है।

पी एच वैल्यू:

pH वैल्यू एक ऐसी संख्या है जो किसी विलयन की अम्लीयता और क्षारीयता को दर्शाती है।

हाईड्रोनियम आयन की सांद्रता जितनी अधिक होगी उस विलयन का pH उतना ही कम होगा।

उदासीन विलयन का पी एच:

किसी उदासीन विलयन के लिए pH का मान 7 होता है।

अम्ल की पी एच वैल्यू:
यदि pH स्केल पर किसी विलयन की pH वैल्यू 7 से कम है तो ये अम्लीय विलयन होगा।

क्षार की पी एच वैल्यू:
यदि pH स्केल पर किसी विलयन की pH वैल्यू 7 से अधिक है तो वह विलयन क्षारीय होगा।

Note- पी एच वैल्यू 7 से 14 तक बढ़ती है। जैसे जैसे विलयन की pH वैलू बढ़ती है उसकी क्षारीय शक्ति (क्षारकता) भी बढ़ती है।

प्रबल अम्ल :

अधिक संख्या में H+ आयन का निर्माण करने वाले अम्ल प्रबल अम्ल कहलाते हैं।

दुर्बल अम्ल:
कम संख्या में H+ आयन का निर्माण करने वाले अम्ल दुर्बल अम्ल कहलाते हैं।

दैनिक जीवन में pH का महत्व

(importance of  pH in Everyday life)

1. पौधों एवं जन्तुओं की pH के प्रति संवेदनशीलता:
जीवित प्राणी केवल संकीर्ण pH परास ( परिसर ) में ही जीवित रह सकते हैं । जैविक शरीर 7.0 से 7.8 pH परास के बीच कार्य करता है।

2. अम्लीय वर्षा (Acidic Rain):
बादलों में दूषित हवाओं में मिक्स SO2 के कारण जल का pH कम हो जाता है। फिर यही जल वर्षा के रूप में धरती पर गिरता है इसे अम्लीय वर्षा कहते हैं। इसमें जल का pH 5.6 तक कम हो जाता है।
इससे जलीय जीवधारियों की उत्तरजीविता कठिन हो जाती है। 


3. मृदा की pH वैलू:
मिट्टी की प्रकृति ज्ञात करने के लिए इसका pH परीक्षण करते हैं, इसके बाद इसमें कोई फसल को उगाते हैं। जब मृदा की pH वैलू 7 के निकट होती है तब पौधे उत्तम रूप से विकसित होते हैं, मिट्टी की pH वैलू ज्ञात होने पर विशेष फसल के लिए उर्वरक का चुनाव सरलता से किया जा सकता है। 

4. हमारे पाचन तन्त्र की pH वैलू:
हमारे उदर में पाया जाने वाला HCL पाचन में सहायता करता है । अधिक भोजन कर लेने की स्थिति में उदर अत्यधिक मात्रा में अम्ल उत्पन्न करता है, जिसके कारण उदर में दर्द एवं जलन का अनुभव होता है, एसिडिटी हो जाती है। इसमें pH की रेंज बिगड़ जाती है इस pH रेंज सही करने के लिए मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड ( मिल्क ऑफ मैग्नीशिया,MgOH) को औषधि के रूप में प्रयुक्त करते हैं।
इसे प्रतिअम्ल भी कहते हैं , क्योंकि यह अम्ल के प्रभाव (अम्लता ) को कम कर देती है और अम्ल के आधिक्य मात्रा को उदासीन कर देता है।

5.पशुओं एवं पौधों द्वारा उत्पन्न रसायनों से आत्मरक्षा:
जब कीट, जैसे- बर्र, ततैया, चींटी इत्यादि डंक मारते हैं, तो डंक मेें से एक अम्ल डिस्चार्ज करते हैं, इसके कारण ही दर्द एवं जलन का अनुभव होता है। डंक मारे गए अंग पर बेकिंग सोडा (Na2HCO3) जैसे दुर्बल क्षारक को लगाने से आराम मिलता है। 

6. पौधों में pH:
नेटल के पत्तों में डंकनुमा बाल होते हैं,जिसे शरीर में छू जाने पर डंक जैसा दर्द अनुभव होता है। इन बालों में मेथेनॉइक अम्ल का स्राव होता है जो त्वचा में चला जाता जाता है जिसके कारण दर्द का अनुभव होता है। 
इसके उपचार के लिए डंक वाले स्थान पर ढाक पौधे की पत्ती रंगड़कर लगाते हैं। ये पौधे अधिकतर नेटल के पास ही पैदा होते हैं।


दोस्तो इस प्रकार आपसब ने देखा कि किस तरह pH वैली रासायनिक विलयन से लेकर जैविक शरीर तथा मृदा की उपजाऊ शक्ति तक पर को प्रभावित करती है। उम्मीद है यह आपसब को पसंद आया होगा। अगर पसंद आए तो शेयर अवश्य कीजिए। 

धन्यवाद। 


FAQ

Qua. अम्लीय वर्षा क्या है?
Ans. बादलों में दूषित हवाओं में मिक्स SO2 के कारण जल का pH कम हो जाता है। फिर यही जल वर्षा के रूप में धरती पर गिरता है इसे अम्लीय वर्षा कहते हैं।

Qua. पी एच वैलू कितना बढ़ती है?
Ans. पी एच वैल्यू 7 से 14 तक बढ़ती है। जैसे जैसे विलयन की pH वैलू बढ़ती है उसकी क्षारीगय शक्ति (क्षारकता) भी बढ़ती है।

Qua. प्रबल अम्ल क्या हैं?
Ans. अधिक संख्या में H+ आयन का निर्माण करने वाले अम्ल प्रबल अम्ल कहलाते हैं।


Qua. पी एच वैलू पर हाईड्रोनियम आयन का क्या प्रभाव होता है?
Ans. हाईड्रोनियम आयन की सांद्रता जितनी अधिक होगी उस विलयन का pH उतना ही कम होगा।

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